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तीसरी लहर से जंग की तैयारी- AIIMS में होगा 6 से 12 साल के बच्चों पर Covaxin का ट्रायल

AIIMS में होगा 6 से 12 साल के बच्चों पर Covaxin का ट्रायल

दिल्ली के एम्स अस्पताल में भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का बच्चों पर ट्रायल चल रहा है। इस ट्रायल में बच्चों को उम्र के हिसाब से तीन ग्रुप में 12 से 18 साल, 6 से 12 साल और 2 से 6 साल आयु वर्ग बांटा गया है। अभी तक 12 से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों का क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो चुका है जबकि 6 से 12 साल के बच्चों के ट्रायल के लिए रिक्रूटमेंट और स्क्रीनिंग 15 जून से शुरू होगी। वहं, इस ट्रायल में शामिल होने के लिए दिल्ली एम्स ने व्हाट्सएप और ईमेल आईडी जारी की है।

एम्स में सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर, डॉ. संजय राय ने बताया कि, 'छह से 12 साल के बच्चों पर कोवैक्सीन के नैदानिक परीक्षण के लिए नामांकन प्रक्रिया मंगलवार को शुरू होगी।' भारत को औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने 12 मई को दो से 18 साल आयुवर्ग के बच्चों में भारत बायोटेक के कोवैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण करने की मंजूरी दे दी थी।

तीन हिस्सों में होना है परीक्षण

यह परीक्षण तीन हिस्सों में होना है और इसके तहत 12-18, 6-12 और 2-6 साल आयुवर्ग के 175-175 स्वयंसेवकों के तीन समूह बनेंगे। परीक्षण के दौरान टीके की दो खुराक मांसपेशियों में दी जाएंगी, जिनमें से दूसरी खुराक पहली खुराक लगने के 28वें दिन दी जाएगी। ICMR के साथ मिलकर भारत बायोटेक द्वारा स्वदेश में कोवैक्सीन का निर्माण किया गया है और यह फिलहाल देश भर में चल रहे टीकाकरण अभियान के दौरान वयस्कों को दी जा रही है।

नैदानिक परीक्षण बच्चों में टीके की सुरक्षा, प्रतिक्रियात्मकता और प्रतिरक्षण क्षमता का मूल्यांकन करेंगे। सरकार ने हाल में चेताया था कि कोविड-19 ने भले ही अब तक बच्चों में गंभीर रूप अख्तियार न किया हो, लेकिन वायरस के व्यवहार या महामारी विज्ञान की गतिशीलता में अगर बदलाव हुआ तो बच्चों में इसका प्रभाव बढ़ सकता है. उसने कहा था कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयारियों को मजबूत किया जा रहा है।