मध्य प्रदेश में लव जिहाद पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार ने धर्म स्वातंत्र्य विधेयक विधानसभा में पारित कर दिया है। लव जिहाद के खिलाफ इस विधेयक में कड़ी सजा का प्रावधान है। सरकार ने बिल में धोखे या फिर दूसरे गलत तरीकों से कराए गए धर्मांतरण के मामलों में पाए जाने वाले आरोपियों को 10 साल की कठोर सजा देने की बात की है। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने इस बिल के संबंध में नौ जनवरी को अध्यादेश पर अपनी मंजूरी दी थी।
इस बिल के तहत किसी भी व्यक्ति द्वारा अधिनियम का उल्लंघन किए जाने पर एक साल से पांच साल तक का कारावास और 25,000 रुपये का जुर्माना लगेगा। साथ ही नाबालिग अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के मामले में दो से 10 साल तक का कारावास और कम से कम 50,000 रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है।
इस बिल में इस बात को भी दर्शाया गया है कि यदि कोई अपनी स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करता है तो उसे और धार्मिक परिवर्तन कराने वाले व्यक्तिको 60 दिन पहले जिला के जिलाधिकारी को सूचना देना अनिवार्य होगा। अगर जिलाधिकारी को सूचना नहीं दी जाती तो भी इस कानून के उल्लंघन का दोषी पाया जाएगा।
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश से पहले उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकारों ने भी लव जिहाद के खिलाफ कानून पारित किए हैं। सूत्रों की मानें तो आने वाले दिनों में हरियाणा सरकार भी लव जिहाद के खिलाफ कानून ला सकती है। मध्य प्रदेश में धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम का दोषी पाए जाने पर 10 साल तक का कारावास और 50 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।