गणतंत्र दिवस पर जिस तरीके से उपद्रवियों ने ट्रैक्टर रैली के रास्ते में उत्पात मचाया और आईटीओ पर बेकाबू हो गए व लाल किला पर देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया। इसकी चारो तरफ आलोचना हो रही है। दिल्ली में मचे उत्पात से दो किसान संगठन बेहद आहत हुए हैं। उनका साफ कहना है कि अब वो खुद को आंदोलन से अलग कर लिया है। किसान नेता वीएन सिंह और चिल्ला बॉर्डर परभारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने धरना समाप्त करने की घोषणा की।
वीएन सिंह ने यूपी गेट पर प्रेस कांफ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी। किसान नेता वीएन सिंह गणतंत्र दिवस में जो कुछ भी हुआ उस घटना से बहुत आहत है। साथ ही उन्होंने कहा कि कल के गुनाहगारों को सख्त सजा मिले। किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीएमसिंह ने आगे कहा कि सरकार की भी गलती है जब कोई 11 बजे की जगह 8 बजे निकल रहा है तो सरकार क्या कर रही थी। जब सरकार को पता था कि लाल किले पर झंडा फहराने वाले को कुछ संगठनों ने करोड़ों रुपये देने की बात की थी।
उन्होंने आगे कहा, 'हिन्दुस्तान का झंडा, गरिमा, मर्यादा सबकी है। उस मर्यादा को अगर भंग किया है, भंग करने वाले गलत हैं और जिन्होंने भंग करने दिया वो भी गलत हैं… ITO में एक साथी शहीद भी हो गया। जो लेकर गया या जिसने उकसाया उसके खिलाफ पूरी कार्रवाई होनी चाहिए।' भारतीय किसान यूनियन (भानु) अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने कहा कि मैं कल की घटना से इतना दुखी हूं कि इस समय मैं चिल्ला बॉर्डर से घोषणा करता हूं कि पिछले 58 दिनों से भारतीय किसान यूनियन (भानु) का जो धरना चल रहा था उसे खत्म करता हूं।