देश के अलग-अलग राहत शिविरों में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार लौटना पड़ेगा। रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं लगी हुई थीं। इन सब फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जम्मू से हिरासत में लिए गए रोहिंग्या मुसलमानों को अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार उनके मूल देश वापस भेजा जाए।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिकाओं में कहा गया था कि बर्मा (म्यांमार) से अवैध घुसपैठ कर भारत में आए रोहिंग्या मुसलमान देश की सुरक्षा व्यवस्था को खतरा साबित हो रहे हैं। इनको तत्काल डिपोर्ट किया जाना चाहिए। इन सभी याचिकाओं पर बहस सुनने के CJI SA Bobde ने फैसला दिया कि रोहिंग्या मुसलमानों (Rohingya) निर्वासन की प्रक्रियाओं के तहत उनके मूल देश वापस भेजा जाए। तब ये सभी डिटेंशन केंद्रों में ही रहेंगे। किसी को रिहा नहीं किया जाएगा। लेकिन केंद्र सरकार को निर्वासन की प्रक्रिया पालन करना होगा।
जम्मू कश्मीर से पकड़े गए रोहिंग्या को फिलहा होल्डिंग सेंटर में रखा गया है। इनकी संख्या लगभग 150 है। ये रोहिंग्या पुलिस के बुलावे पर अपने कागजों की जांच कराने गए थे लेकिन दिनभर चली जांच के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कुछ लोगों को तो घर जाने की इजाजत दे दी लेकिन बड़ी संख्या में जमा हुए रोहिंग्या को होल्डिंग सेंटर भेज दिया। कठुआ जिले की उप-जेल जो हीरानगर में है फिलहाल रोहिंग्या के लिए होल्डिंग सेंटर है। सभी को वहीं रखा गया है।
जम्मू के रोहिंग्या मुसलमानों पर आए सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब देश भर में अवैध रूप से रहने वाले रोहिंग्या मुसलमानों की धरपकड़ कर उन्हें होल्डिंग सेंटर्स में भेजने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।