राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने नागरिकता कानून को लेकर बड़़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि उन्हें इस कानून से किसी को नुकसान नहीं होगा। सरकार अपने अल्प संख्यकों के हित के ये कानून लाई है। लेकिन कुछ लोगों ने राजनीतिक लाभ के लिए इसे साम्प्रदायिक बनाने की कोशिश की है। संघ प्रमुख ने कहा कि CAA से किसी मुसलमान को कोई दिक्कत नहीं होगी। CAA-NRC का हिंदू-मुस्लिम विभाजन से कोई लेना-देना नहीं है।
गुवाहाटी में एक कार्यक्रम में मोहन भागवत ने कहा, ''CAA किसी भारत के नागरिक के विरुद्ध बनाया हुआ कानून नहीं है। भारत के नागरिक मुसलमान को CAA से कुछ नुकसान नहीं पहुंचेगा। विभाजन के बाद एक आश्वासन दिया गया कि हम अपने देश के अल्पसंख्यकों की चिंता करेंगे। हम आजतक उसका पालन कर रहे हैं। पाकिस्तान ने नहीं किया।''
भागवत ने आगे कहा कि 'हमें धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद या लोकतंत्र दुनिया से सीखने की आवश्यकता नहीं है। यह हमारी परंपरा और खून में रहा है। हमारे देश ने इसे लागू किया और जीवित रखा। उन्होने कहा कि पाकिस्तान की सरकारें अपने अल्पसंख्यों के अधिकारों का संरक्षण नहीं कर पाईं। पाकिस्तान में अल्प संखयक संवैधानिक पद हासिल नहीं कर सकता। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को रहने खाने की तो दूर अपनी मर्जी से पूजा-पाठ करने की भी इजाजत नहीं है। लेकिन भारत की सरकारों ने यहां के अल्पसंख्यकों को समान अधिकार दिए हैं।