भारत सरकार कोरोना से अपने देश के नागरिकों के बचाने के साथ-साथ अपने पड़ोसी देशों के नागिरकों के स्वास्थ्य के लिए भी चिंतित है। इसीलिए विदेश मंत्री डॉक्टर एस. जयशंकर मिशन वैक्सीन पर अमेरिका जा रहे हैं। एस. जयशंकर पांच दिन अमेरिका में रहेंगे। इस दौरान वो अमेरिका में अपने समकक्ष से वार्ता के अलावा वहां के फार्मा कंपनियों से भी चर्चा करेंगे। इसी दौरान वो संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस से मुलाकात करेंगे। सूत्रों से ऐसी भी जानकारी मिली है कि एस. जयशंकर अमेरिकी कंपनियों से चर्चा करेंगे कि किस तरह नेपाल, बांग्लादेश, मालदीव, भूटान और श्रीलंका समेत मित्र देशों को ज्यादा से ज्यादा टीके और मेडिकल सहायता दी जा सकती है।
भारतीय विदेशमंत्री की यात्रा में कोविड सहयोग और वैक्सीन बड़ा मुद्दा होगा। साथ ही छेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी। कोविड संकट के बीच उनकी यात्रा को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मंत्रालय ने बताया कि जयशंकर वाशिंगटन में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन के साथ चर्चा करेंगे। वे अमेरिकी मंत्रिमंडल के सदस्यों एवं वहां के प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय संबंधों के बारे में चर्चा करेंगे।
बयान के अनुसार, विदेश मंत्री की यात्रा के दौरान उनका, भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक एवं कोविड-19महामारी से जुड़े सहयोग को लेकर कारोबारी मंचों से संवाद का कार्यक्रम है। जयशंकर की अमेरिका यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब एक दिन पहले ही विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि भारत, अमेरिकी उद्यमों के साथ कोविड-19रोधी टीकों की खरीद और बाद में देश में उसके उत्पादन की संभावना के बारे में बातचीत कर रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने पांच दिन पहले घोषणा की थी कि अमेरिका जून के अंत तक जरूरत मंद देशों को फाइजर-बायोएनटेक, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन के कोविड-टीकों की 2करोड़ खुराक देगा। इसके अलावा एस्ट्राजेनेका की करीब 6करोड़ खुराक शामिल है। हालांकि वितरण विवरण पर अभी तक कोई स्पष्टता नहीं है। लेकिन कहा जा रहा है कि लाभार्थियों में भारत भी शामिल हो सकता है। एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन, जिसे भारत में कोविशील्ड के रूप में निर्मित और वितरित किया जा रहा है, को अभी तक अमेरिका में उपयोग के लिए अधिकृत नहीं किया गया है।
सूत्रों ने बताया कि जयशंकर अपनी यात्रा के दौरान अमेरिका को भारत और उसके पड़ोसियों को अधिक से अधिक टीके भेजने के लिए राजी करने की कोशिश करेंगे। हाल ही में बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन ने इस संबंध में अमेरिका से पैरवी करने के लिए जयशंकर से संपर्क किया था। नेपाल, श्रीलंका और मालदीव भी वैक्सीन की मांग करते रहे हैं।