27 फरवरी 2002 का जख्म देश भूले नहीं भूल सकता है। जिसने भारतीय इतिहास को बदल कर रख दिया। ये वो दिन था, जब गुजरात के गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के S-6 डिब्बे में आग लगा दी गई थी। इस घटना में अयोध्या से लौट रहे 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी इस हादसे के बाद गुजरात में दंगे भड़क उठे थे, इस कांड की गूंज बहुत ज्यादा हुई थी जिसने हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की भावना को भारी ठेस पहुंचाई थी। गुजरात में स्थित गोधरा शहर में एक कारसेवको से भरी रेलगाड़ी में मुस्लिम समुदाय द्वारा आग लगाने से 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी, इस घटना का इलज़ाम मुख्य रूप से एक समुदाय विशेष पर लगाया गया।
गोधरा कांड के बाद पूरे गुजरात में दंगे भड़क उठे। इन दंगों में 1,044 लोग मारे गए, जिनमें 790 मुसलमान और 254 हिंदू थे। गोधरा कांड के अगले दिन, यानी 28 फरवरी को अहमदाबाद की गुलबर्ग हाउसिंग सोसायटी में बेकाबू भीड़ ने 69 लोगों की हत्या कर दी थी।
एफआईआर ने आरोप लगाया कि एक 1540-मजबूत भीड़ ने 27 फरवरी को हमला किया था जब साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन ने गोधरा स्टेशन छोड़ दिया। गोधरा नगर पालिका के अध्यक्ष और कांग्रेस अल्पसंख्यक सयोजक मोहम्मद हुसैन कलोटा को मार्च में गिरफ्तार किया गया।