प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से अपने भाषण में कहा कि भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरा देश एक जोश से भरा हुआ है, संकल्प से प्रेरित है और सामर्थ्य पर अटूट श्रद्धा के साथ आगे बढ़ रहा है। इस संकल्प के लिए हमारे वीर-जवान क्या कर सकते हैं, देश क्या कर सकता है… ये लद्दाख में दुनिया ने देख लिया है। मैं आज मातृभूमि पर न्यौछावर उन सभी वीर-जवानों को लालकिले की प्राचीर से आदरपूर्वक नमन करता हूं।
मोदी ने कहा कि आतंकवाद हो, या विस्तारवाद भारत आज डटकर इनका मुकाबला कर रहा है। आज दुनिया का भारत पर विश्वास और मजबूत हुआ है। पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में 192 में से 184 देशों का भारत को समर्थन मिलना, ये हमारे हर हिन्दुस्तानी के लिए गर्व की बात है। ये तभी संभव होता है जब भारत खुद मजबूत हो, भारत सशक्त हो, भारत सुरक्षित हो, इसी सोच के साथ आज अनेक मोर्चों पर काम किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे पड़ोसी देशों के साथ चाहे वो हमसे जमीन से जुड़े हों या समुद्र से अपने संबंधों को हम सुरक्षा, विकास और विश्वास की साझेदारी के साथ जोड़ रहे हैं। भारत का लगातार प्रयास है कि अपने पड़ोसी देशों के साथ हम अपने सदियों पुराने सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक रिश्तों को और गहराई दें।
दक्षिण एशिया में दुनिया की एक-चौथाई जनसंख्या रहती है। हम संयोग और सहभागिता से इतनी बड़ी जनसंख्या के विकास और समृद्धि की अनगिनत संभावनाएं पैदा कर सकते हैं। इस क्षेत्र के देशों के सभी नेताओं की इस विशाल जनसमूह के विकास और प्रगति के लिए बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, एक अहम जिम्मेदारी है।
मोदी ने कहा कि आज पड़ोसी सिर्फ वो ही नहीं है जिनसे हमारी भौगोलिक सीमाएं मिलती हैं, बल्कि वे भी हैं जिनसे हमारे दिल मिलते हैं… जहां रिश्तों में समरसता होती है, मेलजोल रहता है। पश्चिम एशिया के देशों से हमारे राजनैतिक, आर्थिक और मानवीय संबंधों की प्रगति में कई गुना तेजी आई है… विश्वास अनेक गुना बढ़ गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे पूर्व के आसियान देश जो हमारे समुद्री पड़ोसी भी हैं, वो भी हमारे लिए बहुत विशेष महत्व रखते हैं। इनके साथ भारत का हजारों वर्ष पुराना धार्मिक और सांस्कृतिक संबंध है। बौद्ध धर्म की परम्पराएं हमें उनसे जोड़ती है। आज भारत इन देशों के साथ, सिर्फ सुरक्षा क्षेत्रों में नहीं बल्कि समुद्री संपदा के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ा रहा है।
मोदी ने कहा कि भारत के जितने प्रयास शांति और सौहार्द के लिए हैं, उतनी ही प्रतिबद्धता अपनी सुरक्षा और अपनी सेनाओं को सशक्त करने के लिए भी है। रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर भारत के लिए बड़े कदम उठाए गए हैं। हाल ही में 100 से ज्यादा सैन्य उपकरणों के आयात पर हमने रोक लगा दी है- मिसाइलों से लेकर के हल्के युद्धक हेलीकॉप्टरों तक, असॉल्ट राइफल से लेकर ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट तक सभी मेक इन इंडिया हो गए।
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