दिल्ली से लगे बॉर्डर पर किसान कृषि कानून के खिलाफ कई महीनों से धरना पर बैठे हैं। अब किसानों के संसद घेरने का ऐलान किया है। किसान मई के पहले सप्ताह में संसद भवन तक पैदल मार्च करेंगे। इसकी अगुवाई महिलाएं करेंगी। किसानों ने फैसला किया है कि सभी बॉर्डर से एक साथ पैदल मार्च करते हुए संसद के लिए निकलेंगे। संसद जाने के लिए तारीख जल्द ही तय करके घोषणा की जाएगी। इसके अलावा 10 अप्रैल को केएमपी एक्सप्रेस-वे को 24 घंटे के लिए जाम किया जाएगा। इससे पहले पांच अप्रैल को देशभर में 736 जिलों में एफसीआई के कार्यालय के बाहर 11 बजे से शाम छह बजे तक धरना प्रदर्शन होगा। ऐसा लग रहा है कि किसानों के नाम पर आंदोलन कर रहे संगठन सरकार के सब्र का इम्तहान ले रहे हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य ने बताया कि संसद कूच में महिलाएं, दलित, आदिवासी, बहुजन, बेरोजगार युवा समेत समाज का हर तबका शामिल होगा। इसमें शामिल होने के लिए बॉर्डर तक लोग ट्रैक्टर व अन्य वाहनों में पहुंचेंगे और बॉर्डर से आगे नेताओं की अगुवाई में पैदल दिल्ली कूच होगा। किसान नेताओं ने कहा कि गणतंत्र दिवस पर जिस तरह से पुलिस ने किसानों को गुमराह किया था, ऐसा इस बार नहीं होगा। चढूनी ने कहा कि सरकार की नीयत में खोट है। पीएम कहते हैं कि एमएसपी था और वह आगे भी रहेगा।