संविधान के मूल ढांचे का सिद्धांत दिलाने वाले संत केशवानंद भारती का रविवार को 80 वर्ष की आयु में केरल में निधन हो गया। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने शोक संवेदना व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने कहा कि संत केशवानंद कई पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, "हम पूज्य केशवानंद भारती जी को उनकी सामुदायिक सेवा और शोषितों को सशक्त करने के उनके प्रयासों के लिए हमेशा याद रखेंगे। उनका देश के संविधान और समृद्ध संस्कृति से गहरा लगाव था। वह पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे। ओम शांति।"
सन 1973 में केशवानंद भारती ने केरल भूमि सुधार कानून को चुनौती दी थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के मूल ढांचे का सिद्धांत दिया था। उक्त फैसला सर्वोच्च अदालत की अब तक की सबसे बड़ी पीठ ने दिया था जिसमें 13 न्यायमूर्ति शामिल थे। केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य के चर्चित मामले पर कुल 68 दिन तक सुनवाई हुई थी।
केशवानंद भारती केरल के कासरगोड़ में एडनीर मठ के प्रमुख थे। मठ का मुखिया होने के नाते उन्होंने अनुच्छेद 26 का हवाला देते हुए मांग की थी कि उन्हें अपनी धार्मिक संपदा का प्रबंधन करने का मूल अधिकार दिया जाए।
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने संत केशवानंद भारती के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, "केशवनंद भारती स्वामी जी, जोकि एडनीर मठ के संत थे, वह दार्शनिक, शास्त्रीय गायक और सांस्कृतिक प्रतीक का एक दुर्लभ मेल थे।".