Hindi News

indianarrative

नौसेना के बेड़े में शामिल हुई स्वदेशी पनडुब्बी INS करंज, जानें इस ‘साइलेंट किलर’ की ताकत

INS karanj

देश की सुरक्षा के लिहाज से बुधवार का दिन बहुत अहम रहा। आज स्कोर्पिन क्लास सबमरीन आईएनएस करंज (INS Karanj) नौसेने के बेड़े में शामिल हो गया है। मुंबई के नेवल डॉकयार्ड में एक कार्यक्रम के दौरान आईएनएस करंज को शामिल किया गया। आईएनएस करंज (INS Karanj) को साइलेंट किलर कहा जा रहा है। यह बिना किसी आहट के दुश्मन खेमे में पहुंचकर ताबह करने की क्षमता रखती है।

करंज मेक इन इंडिया कैंपेन की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। क्योंकि कलवरी क्लास की ये तीसरी सबमरीन जब अपने मिशन पर रहती है, तो कोई आवाज़ नहीं करती है। यानी ये सबमरीन दुश्मन के इलाके में होगी, उसे नेस्तानाबूद कर रही होगी, तब कोई आवाज़ नहीं आएगी। जानकारी के मुताबिक, आईएनएस करंज की लंबाई करीब 70 मीटर की है, जबकि ऊंचाई 12 मीटर है। इस सबमरीन का वजन करीब 1600 टन का है। ये सबमरीन मिसाइल, टॉरपीडो से लैस है, साथ ही समुद्र के भीतर ही माइन्स बिछाकर दुश्मन को तबाह करने का माद्दा रखती है।

करंज पनडुब्बी45-50 दिन तक पानी में रह सकती है। स्टील्थ टेक्नोलॉजी से यह रडार की पकड़ में नहीं आता। किसी भी मौसम में कार्य करने में सक्षम है। आईएनएस करंज के भीतर 360 बैटरी सेल्स है। प्रत्येक बैटरी सेल्स का वजन 750 किलो के करीब है। इसके भीतर दो 1250 केडब्ल्यू डीजल इंजन है। आईएनएस करंज 45-50 दिनों के सफर पर जा सकता है। इन्ही बैटरियों के दम पर आईएनएस करंज 6500 नॉटिकल माइल्स यानी करीब 12000 किमी का रास्ता तय करना सकता है।

 

इस देसी सबमरीन का नाम आईएनएस करंज है और इसके पीछे की भी अलग-अलग कहानियां हैं। करंज एक मछली का भी नाम है, जो महाराष्ट्र के क्षेत्र में काफी मशहूर है। इसके अलावा INS KARANJ के हर एक शब्द का भी अलग-अलग मतलब निकाला गया है। जिसमें शब्दों का अर्थ K – किलर इन्सटिंक्ट, A- आत्मनिर्भर, R- रेडी, A- एग्रेसिव,  N- निंबल, J- जोश है।