कोरोना महामारी की दूसरी लहर के के बीच देश में अचानक ऑक्सीजन की किल्लत देखने को मिली है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि कोरोना की दूसरी स्ट्रेन इस बार सीधा लंग्स पर असर कर रही है जिसकी वजह से मरीजों को सांस लेने में परेशानी हो रही। इसी वजह से कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी है। ऑक्सीजन की कमी होने से कई राज्यों में मरीज बेहाल हैं। इस बीच राहत देने वाली बड़ी खबर सामने आई है। झारखंड के बोकारो से कल चली दूसरी 'ऑक्सीजन एक्सप्रेस' टेंकर्स उत्तर प्रदेश के लिए चली है जो राजधानी लखनऊ पहुंच गई है। पिछले कई दिनों से ऑक्सीजन की कमी से अस्पताल बेहाल हैं।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सुनीत शर्मा ने कहा कि 'ऑक्सीजन एक्सप्रेस' ट्रेनों के प्रत्येक टैंकर में लगभग 16 टन चिकित्सीय ऑक्सीजन ले जाई जा सकती है और ये ट्रेन 65 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं। इस तरह की पहली ट्रेन 19 अप्रैल को सेवा में आई थी जब ऑक्सीजन भरने सात ट्रक मुंबई से विशाखापत्तनम रवाना हुए थे। इन ट्रकों को ट्रेन में लादकर इनके गंतव्यों तक भेजा गया था।
Second Oxygen special train with tankers of oxygen arrives in Lucknow from Bokaro in Jharkhand pic.twitter.com/HQMpeA7VHt
— ANI UP (@ANINewsUP) April 24, 2021
राज्य के अपर मुख्य सचिव (सूचना) नवनीत सहगल ने कहा कि हर अस्पताल में वातावरण से ऑक्सीजन बनाने की योजना पर कार्य चल रहा है और 31 ऐसे अस्पतालों के लिए शासन से आदेश जारी किये जा चुके हैं, जहां अगले 15 से 20 दिनों में वातावरण की हवा से ऑक्सीजन बनाने के प्लांट लग जाएंगे। इसके अलावा अलावा मरीजों के लिए 1500 ऑक्सीजन संयंत्र का भी आदेश दिया गया है।