Parambeer letter bomb: महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख (Home Minister Anil Deshmukh) पर लगे आरोपों को लेकर जिस तरह दबाव बढ़ रहा है, उसे देखते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP Chief Sharad Pawar) सुप्रीमो शरद पवार ने इस मसले पर चर्चा करने के लिए रविवार को उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और पार्टी प्रमुख जयंत पाटिल को दिल्ली तलब किया है। महा विकास अघाड़ी (MVA Alliance) गठबंधन के भीतर इस बात का दबाव बढ़ रहा है कि मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा देशमुख पर लगाए गए आरोपों के बाद उन्हें मंत्री पद छोड़ देना चाहिए। यहां तक कि भाजपा भी देशमुख को हटाने की मांग कर रही है।
गठबंधन के सूत्रों का कहना है कि आरोप बहुत गंभीर हैं और ऐसी सूरत में उनका इस्तीफा देना ही एकमात्र हल होगा। हालांकि इस मसले पर अंतिम फैसला शरद पवार ही करेंगे। इसी के चलते एनसीपी सुप्रीमो ने अपने वरिष्ठ नेताओं को दिल्ली बुलाया है।
इस मामले पर एनसीपी ने अब तक बचाव का रुख अख्तियार किया हुआ था लेकिन अब सुप्रीमो द्वारा अंतिम निर्णय लेने के बाद ही उसके आगे के रुख को लेकर स्पष्टता आएगी। उधर देशमुख ने आरोपों से इनकार करते हुए शनिवार को कहा कि वह मानहानि का मुकदमा करेंगे।
बता दें कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में परमबीर सिंह ने कहा था कि गृह मंत्री ने सचिन वाजे समेत कई अधिकारियों से जबरन वसूली करने के लिए कहा था। इतना ही नहीं उन्हें हर महीने 100 करोड़ रुपये इकट्ठा करने का लक्ष्य भी दिया था। उन्हें यह पैसा रेस्तरां, पब, बार और हुक्का पार्लर से इकट्ठा करने के लिए कहा गया था।सिंह के आरोपों को खारिज करते हुए कि राज्य के गृह मंत्री ने कहा कि सिंह खुद को बचाने के लिए उन पर झूठे आरोप लगा रहे हैं।