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हौसलों से उड़ती हैं 'जम्मू की शिवानी', सैन फ्रांसिस्को से बंगलुरु के बीच सबसे लंबे रूट पर उड़ाया जहाज

हौसलों से उड़ती हैं 'जम्मू की शिवानी', सैन फ्रांसिस्को से बंगलुरु के बीच सबसे लंबे रूट पर उड़ाया जहाज

बेटी हो या बेटा अब फर्क करने का समय नहीं है। अच्छी परवरिश और बुलंद हौसले की बदौलत बेटियां एक-एक से काम करके इतिहास रच रही हैं। यहां जम्मू की बेटी शिवानी मन्हास की बात हो रही है। आपको जानकर आश्चर्य हो सकता है कि शिवानी ने अपने जैसी तीन अन्य जांबाज बेटियों संग अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को से बिना रूके 16 हजार किलोमीटर का सफर तय कर एयर इंडिया के विमान को बंगलुरु तक ले आई। शिवानी जम्मू के त्रिकुटा नगर की रहने वाली हैं और वह पिछले चार सालों से<a href="https://hindi.indianarrative.com/india/kisan-andolan-sikh-for-justice-announces-250000-reward-for-raising-khalistan-flag-at-india-gate-on-republic-day-23965.html" target="_blank" rel="noopener noreferrer"> एयर इंडिया का विमान</a> उड़ा रही हैं।
<h3>यह दुनिया का सबसे लंबा रूट है</h3>
शिवानी ने बताया कि विमान का यह रूट दुनिया का सबसे लंबा रूट है। इस रूट पर विमान को उड़ाना आसान नहीं है क्योंकि यहां पर मौसम बहुत मायने रखता है। विमान को नार्थ पोल के ऊपर से उड़ाकर लाया गया। इस विमान को उड़ाकर लाने का मेरा अनुभव बहुत ही रोमांच भरा रहा। हमने 17 घंटे में इस सफर को पूरा किया और सबसे अहम बात यह रही कि इस सफर में ईंधन की खपत भी कम हुई। सैन फ्रांसिस्को व बंगलुरु के बीच यह पहली सीधी उड़ान है और इसमें सबसे बड़ी बात यह रही कि इसे उड़ाने वाली चारों महिला पाॅयलट थीं।
<h3>बचपन से ही जहाज उड़ाने का था शौक</h3>
शिवानी मन्हास का कहना है कि उसे बचपन से ही जहाज उड़ाने का शौक था। उसे आसमान पर उड़ते विमान बहुत आकर्षित करते थे। डीपीएस स्कूल से बारहवीं की परीक्षा पास करने के बाद उसने इंदौर के एमपी फ्लाइंग क्लब से ट्रेनिंग ली और वर्ष 2016 में एयर इंडिया में नौकरी शुरू की। शिवानी के इस हौसलों की उड़ान ने अन्य बेटियों के सपनों को भी पंख दिए हैं। शिवानी से प्रेरणा लेकर अब कई अन्य लड़कियों ने भी इस क्षेत्र में जाने का मन बना लिया है। शिवानी के पिता शमशेर सिंह मन्हास का कहना है कि उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है। उसने पूरे प्रदेश को गौरवांवित किया है। वहीं शिवानी की मां मोहिनी मन्हास ने भी अपनी बेटी के इस साहस की उड़ान को सभी बेटियों की जीत बताया।

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