गणतंत्र दिवस के दिन देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने से चारो तरफ उपद्रवियों की निंदा हो रही है। दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान काफी हिंसा हुई जिससे देश के लोगा काफी आहत हैं। दिल्ली के बार्डरों पर पिछले दो महीने से प्रदर्शन कर रहे किसानों के प्रति आस-पास के गांवों ने जितनी सहानुभूति दिखाई थी, अब वे भी राष्ट्रीय राजधानी में मचे उत्पात से बेहद खफा हैं।
दिल्ली की सिंघु सीमा (दिल्ली-हरियाणा) पर लगभग पिछले दो महीनों से आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के खिलाफ गुरुवार को गांव वाले सड़कों पर उतर आए। उन्होंने मांग की है कि तुरंत राजमार्ग को खाली किया जाए।
Heavy Police presence seen at Singhu border (Delhi-Haryana border) as they attempt to barricade a portion of the road in order to restrict the protesters from coming to one side of the road from the other side. The protesters are opposing the barricading being done by Police. pic.twitter.com/d3Yjx7snXk
— ANI (@ANI) January 28, 2021
प्रदर्शनकारी बैरियर के नजदीक किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के स्टेज के पास जुटे हैं। भारी संख्या में दिल्ली पुलिस भी मौके पर पहुंची है जो बैरिकेडिंग कर रही है और प्रदर्शनकारियों को सड़क की दूसरी तरफ आने से रोक रही है। प्रदर्शनकारी पुलिस द्वारा की जा रही बैरिकेडिंग का विरोध कर रहे हैं।
गांव वाले लाल किले पर हुई हिंसा को लेकर भी खासे नाराज दिखाई दिए। किसान आंदोलन के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों में हिंदू सेना संगठन के सदस्य और स्थानीय नागरिक शामिल थे, जो अपने साथ तिरंगा लेकर आए थे। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि लाल किले में तिरंगे का जो अपमान किया गया उसे हम लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे।
गांव वालों का कहना है कि वे अबतक यहां प्रदर्शन करने वाले किसानों की मदद कर रहे थे लेकिन गणतंत्र दिवस के मौके पर जो हुआ उससे वे काफी नाराज हैं। बता दें कि गणतंत्र दिवस के दौरान हुई हिंसा के बाद से ही अलग-अलग प्रदर्शनस्थल पर सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। ऐसे में जो लोग प्रदर्शन करने के लिए आए वे भी कुछ दूरी पर प्रदर्शन कर रहे थे। स्थानीय प्रदर्शनकारी कुछ समय बाद वापस लौट गए।