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संसद के मानसून सत्र के सम्बन्ध में भ्रामक प्रचार कर रहे कुछ विपक्षी नेता

संसद के मानसून सत्र के सम्बन्ध में भ्रामक प्रचार कर रहे कुछ विपक्षी नेता

<p dir="ltr">संसदीय कार्य मंत्रालय ने एक प्रेस नोट जारी करके कहा है कि 14 सितम्बर 2020 से शुरू होकर 1 अक्टूबर 2020 तक चलने जा रहे संसद के मानसून सत्र के सम्बन्ध में विपक्ष के कुछ नेताओं द्वारा मीडिया और सोशल मीडिया में भ्रामक प्रचार किया जा रहा है।</p>
<p dir="ltr">कोविड-19  जैसी वैश्विक महामारी के करण असाधारण परिस्थितियों में आयोजित होने वाले संसद के इस सत्र में तीन विषयों को  लेकर विवाद खड़ा किया जा रहा है। ये विषय हैं- प्रश्नकाल का नहीं होना, दूसरा प्राईवेट मेम्बर बिजनेस को आगे बढ़ाना और तीसरा शनिवार और रविवार को सत्र की बैठक का होना। जबकि वास्तविकता यह है कि इन तीन मुद्दों के सम्बन्ध में लोकसभा में  सदन के उपनेता और रक्षा  मंत्री, संसदीय कार्यमंत्री और संसदीय कार्य राज्यमंत्री द्वारा सभी  राजनीतिक दलों के नेताओं से टेलीफोन पर चर्चा की गयी है।</p>
<p dir="ltr">केवल टीएमसी के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने ही प्रश्नकाल रखे जाने की बात कही। लोकसभा व राज्यसभा में विभिन्न दलों के अन्य किसी भी नेताओं ने आपत्ति व्यक्त नहीं की और यह कहा कि विषम परिस्थितियों में आयोजित इस सत्र में हम सरकार के साथ होंगे। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद अब विपक्ष के कुछ नेताओं द्वारा यह कहाना कि सरकार हमारे बोलने के अधिकार को छीन रही है तथा प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं होने दे रही है। यह बयान तथ्य से परे है।</p>
<p dir="ltr">प्रश्नकाल नहीं होगा ऐसा निर्णय किया गया है किन्तु अतारांकित प्रश्न के लिए लोकसभा अध्यक्ष व राज्यसभा के सभापति  द्वारा आपसी मंत्रणा की जा रही है तथा उसी के अनुसार शेड्यूल जारी कर दिया जायेगा। जहां तक शून्यकाल का प्रश्न है, तो सरकार ने ऐसा  कभी  नहीं  कहा  कि  शून्यकाल  नहीं  होगा।</p>
<p dir="ltr">सरकार ने दोनों पीठासीन अधिकारियों से मंत्रणा कर इतना ही संदेश पहुंचाया था कि इन परिस्थितियों में शून्य काल आधा घंटे के लिए ही किया जाये। यदि पीठासीन अधिकारी शून्यकाल को 30 मिनट से अधिक समय के लिए चलाना चाहते हैं तो सरकार को कोई आपत्ति नहीं है।</p>
<p dir="ltr">जहां तक चर्चा के अन्य महत्वपूर्ण विषयों का प्रश्न है, सरकार हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार है। जो विषय सरकारी  बिजनेस के अलावा कार्यमंत्रणा समिति में निर्धारित किये जायेंगे उन सारे विषयों पर सरकार चर्चा करने को तैयार है।</p>.