पाकिस्तान और चीन के फौजियों जान हलक में आई हुई है। वजह यह है कि इसराइल अपने स्पाइस 2000 फैमिले का नया वर्जन इंडियन आर्मी को दे रहा है। ये बम आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस और एटीआर टेक्नोलॉजी से लैस है। इसका मतलब यह है कि इस बम को सैकड़ों किलोमीटर दूर से दुश्मन पर दागा जा सकता है। अगर दुश्मन को इसके दागे जाने का पता चल जाए औऱ वो इससे बचने के लिए इधर उधर छुपने या भागने की कोशिश भी करेगा तब भी ये बम हजारों के बीच एक दुश्मन को पहचान कर उसे नेस्तनाबूद कर सकता है।
पाकिस्तान के सामने अपने एटमी बम और मिसाइलों को बचाने की चुनौती सामने आ गई है तो चीन के आटोमैटाइज्ड बटालियन हैं। चीन की इस बटालियन में ऐसी गन हैं जो दूर से बैठकर कंट्रोल की जा सकती हैं। यह बहुत घातक बटालियन है, लेकिन स्पाइस 2000 के नए वर्जन के आगे इस बटालियन की भी खैर नहीं है। क्यों कि स्पाइस 2000 की टेक्नोलॉजी अपने भागते हुए शिकार को ढेर कर देता है। पाकिस्तान की तरह चीन के मोबाइल लॉंचर्स भी इस बम की जद में आते हैं।
जब से दुश्मनों के खेमे में यह बात पहुंची है कि इस्राइली बम स्पाइस 2000 का नया वर्जन इंडियन आर्मी शामिल हो रहा है तब से दुश्मनों को सांप सूंघ गया है। इस बम को इजरायल की प्रसिद्ध हथियार निर्माता कंपनी राफेल अडवांस डिफेंस सिस्टम्स ने बनाया है। यह नेक्स्ट जेनरेशन का हवा से जमीन पर मार करने वाला प्रिसिजन गाइडेड म्यूनिशन है। इसका मतलब अगर लंबी दूरी से स्पाइस-250 बम को दागा जाए तब भी यह अपने दुश्मन को बेहद ढेर कर देता है।
इस बम का इस्तेमाल अभी इजरायली एयरफोर्स कर रही है। गाजा पट्टी में हाल में ही इजरायली वायु सेना के हवाई हमलों में इसी बम का इस्तेमाल किया गया था। इस बम ने बेहद सटीकता से घनी आबादी में मौजूद हमास के कई ठिकानों को बर्बाद किया था।
राफेल अडवांस डिफेंस सिस्टम्स का दावा है कि यह बम काफी सटीकता से स्थिर और गतिमान लक्ष्यों को एक साथ भेद सकता है। एक बार उड़ान के दौरान यह कई लक्ष्यों को आसानी से ट्रैक कर उनमें से एक को पिन पॉइंट एक्यूरेसी से भेद सकता है। यही कारण है कि इस बम को अपनी श्रेणी का सबसे घातक हथियार माना जा रहा है। यह अत्याधुनिक बम जीपीएस की गैर मौजूदगी वाले क्षेत्र में भी काम कर सकती है। इतना ही नहीं, इसे दिन-रात या खराब मौसम में भी फायर किया जा सकता है।
यह बम केवल जमीन पर ही नहीं, बल्कि समुद्र में भी अपने टॉरगेट को बर्बाद करने की क्षमता रखता है। छोटे और हल्के वजन वाले स्पाइस 250 बम को तेजस जैसे लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट में भी आसानी से जोड़ा जा सकता है। इस बम को लड़ाकू विमान के सामान्य हॉर्ड पाइंट के अलावा स्मार्ट क्वाड रैक (एसक्यूआर) पर भी लगाया जा सकता है। प्रत्येक एसक्यूआर चार स्पाइस 250 हथियार तक ले जा सकता है।
स्पाइस 250 बम 150 किलोमीटर दूर स्थित अपने दुश्मन को आसानी से उड़ा सकता है। इस बम में टर्बोजेट इंजन लगा हुआ है जो JP-8/10 फ्यूल सिस्टम से ताकत प्राप्त करता है। 113 किलोग्राम के इस बम में 75 किलोग्राम तक का हाई एक्सप्लोसिव वॉरहेड लगा होता है। इंडियन आर्मी में इजराइल के इन घातक हथियारों को देख चीन बंदर घुड़कियां देता रहता है। हालांकि, उसे मालूम हे कि भारत की ओर से जवाब आया है हालत खराब हो जाएगी।