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चीनी मिल घोटालाः यूपी में ईडी की बड़ी कार्रवाई, सहारनपुर के हाजी इकबाल की 1000 करोड़ की संपत्ति कुर्क

यूपी के शुगर मिल घोटाले में ईडी ने हाजी इकबाल की संपत्तियां कुर्क कीं

फर्जी दस्तावेजों और फर्जी कंपनियों के सहारे उत्तर प्रदेश की आधा दर्जन से ज्यादा चीनी मिलों को कौड़ियों के भाव खरीदने के मामले में ईडी ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने इस मामले मे सहारनपुर के जाने-माने नाम और बसपा के एक्स एमएलसी हाजी इकबाल की 1097 करोड़ की संपत्ति कुर्क कर ली है।

कुर्क की गई संपत्तियों में हाजी इकबाल व उनके कुनबे की कंपनियों के नाम ली गईं सात चीनी मिलें शामिल हैं। चीनी मिल घोटाले में जांच एजेंसी का शिकंजा जल्द अन्य आरोपियों पर भी कसेगा। इस घोटाले की सीबीआइ जांच भी चल रही है। घोटाले में पूर्व एमएलसी इकबाल के दो बेटे जावेद व वाजिद भी नामजद हैं। 

ईडी ने हाजी इकबाल व उनके परिवारीजन की बोगस कंपनियों के जरिये कुशीनगर, बरेली, हरदोई व बाराबंकी में खरीदी गईं सात चीनी मिलों को अटैच किया है। इन मिलों की जमीनों का वर्तमान बाजार मूल्य 1097करोड़ रुपये से अधिक है। ये सभी मिलें इकबाल व उनके परिवारीजन को महज 60.28करोड़ रुपये में बेच दी गई थीं। हैदा इकबाल व उनके परिवारीजन ने नम्रता मार्केट‍िंग प्राइवेट लिमिटेड व गिरियाशो कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के जरिये इन्हें खरीदा था। कई अन्य बोगस कंपनियों के जरिये हेराफेरी की गई थी। नम्रता व गिरियाशो कंपनी ने सेल डीड के लिए एक ही दिन में सात बोगस कंपनियां खोलीं थीं। 

चीनी मिल घोटाले में सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने 25 अप्रैल 2019 को केस दर्ज किया था। सीबीआई ने लखनऊ के गोमतीनगर थाने में वर्ष 2017 में दर्ज कराई गई एफआईआर में इस घोटाले को अपने केस का आधार बनाया था। इसके बाद ईडी के लखनऊ स्थित जोनल कार्यालय में करोड़ों के इस घोटाले में प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अप्रैल 2018 में चीनी मिल घोटाले की सीबीआई जांच कराने की सिफारिश की थी। राज्य सरकार ने सीरियस फ्रॉड इंवेस्टिगेशन आर्गनाईजेशन (एसएफआइओ) से भी मामले की जांच कराई थी। जिसके बाद राज्य चीनी निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक की ओर से गोमतीनगर थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया था। 

सीबीआई ने फर्जी दस्तावेजों के जरिये देवरिया, बरेली, कुशीनगर, हरदोई व बाराबंकी स्थित सात चीनी मिलें खरीदने के मामले में दिल्ली निवासी राकेश शर्मा, उनकी पत्नी सुमन शर्मा, गाजियाबाद निवासी धर्मेंद्र गुप्ता, सहारनपुर निवासी सौरभ मुकुंद, मु.जावेद, मु.वाजिद अली व मु.नसीम अहमद के खिलाफ नामजद केस दर्ज किया था।