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W. Bengal Violence: ममता सरकार पर संकट के बादल! 1 लाख लोगों के पलायन पर सुप्रीम कोर्ट किया जवाब तलब

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सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा की वजह से राज्य से लोगों के कथित पलायन को रोकने के अनुरोध वाली याचिका पर मंगलवार को केंद्र और पश्चिम बंगाल से जवाब मांगा। इस याचिका में न्यायालय से अनुरोध किया गया है कि राज्य सरकार द्वारा प्रायोजिक हिंसा के काऱण राज्य से लोगों का कथित पलायन रोकने के लिए निर्देश दिए जाएं और इसकी जांच के लिए वेशेष जांच दल का गठन किया जाए और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।

विधानसभा चुनाव के बाद लगातार पश्चिम बंगाल से हिंसा की शिकायतें मिल रही है। बीजेपी और बीजेपी समर्थित समूह लगातार हिंसा का आरोप लगाते रहे हैं। इस बाबत राज्यपाल को भी ज्ञापन दिया गया था और हस्तक्षेप की मांग की गई थी। चुनाव के बाद यह आरोप लगाए गये थे कि हिंसा के कारण बड़ी संख्या में बंगाल के लोग असम पलायन के लिए बाध्य हुए थे। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने असम के शिविरों में रह रहे लोगों से जाकर मुलाकात भी की थी। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ट्वीट कर राज्य सरकार ने एसआईटी गठित करने की मांग की।

 

न्यायमूर्ति विनीत शरण तथा न्यायमूर्ति बी.आर. गवई की अवकाश पीठ ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) तथा राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) को इस मामले में पक्षकार बनाने का भी निर्देश दिया। इससे पहले, याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि एनएचआरसी तथा एनसीडब्ल्यू ने पश्चिम बंगाल में लोगों की स्थिति का जायजा लिया है। न्यायालय ने कहा कि केंद्र तथा पश्चिम बंगाल इस मामले में जवाब दें। इसके साथ ही उसने कहा कि याचिका पर 7 जून से शुरू हो रहे हफ्ते में सुनवाई की जाएगी।

 

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा के कारण 1 लाख से ज़्यादा लोगों के पलायन की बात कही गई थी। याचिका में विस्थापित व्यक्तियों के पुनर्वास के लिए आयोग बनाने की भी मांग, मामले की जांच SIT के कराने और लोगों को सुरक्षा देने की मांग की गई थी। राज्य प्रायोजित हिंसा को समाप्त करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ निर्देश देने की मांग की थी।