सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 1984 सिख दंगे के एक मामले में कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार को जमानत देने से इनकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश एस. ए. बोब्डे, ए. एस बोपन्ना और वी. रामसुब्रहमण्यम की खंडपीठ ने कहा कि सज्जन कुमार को दोषी ठहराए जाने के खिलाफ अपील तभी सुनी जाएगी जब कोर्ट में फिजिकल हियरिंग यानी आमने-सामने सुनवाई होगी।
खंडपीठ ने जमानत की याचिका खारिज करते हुए कहा कि ये कोई छोटा मोटा केस नहीं है। शीर्ष न्यायालय ने सज्जन कुमार को अस्पताल में रहने की भी इजाजत नहीं दी। कोर्ट के मुताबिक उनका मेडिकल रिपोर्ट ऐसा नहीं है कि अस्पताल में रहने की जरूरत पड़े।
सज्जन की ओर से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कोर्ट में जमानत की याचिका लगाई थी। उन्होंने कहा कि ट्रायल कोर्ट और हाई कोर्ट में गवाहों के बयान बदले हुए थे।
कोर्ट ने कहा कि जमानत नहीं दी जा सकती। दंगा पीड़ितों की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता एच.एस. फुल्का ने विकास सिंह की दलील का विरोध किया और कहा कि सज्जन कुमार के स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है।
इससे पहले मई के महीने में भी कोर्ट ने सज्जन कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी थी और ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट से उनके स्वास्थ्य की जांच करने को कहा था।.