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Sushil Kumar के Olympian से Wanted बनने की कहानी… जानिए सागर धनखड़ हत्याकांड का पूरा मामला ?

photo courtesy Google

दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के मामले में फरार चल रहे ओलंपियन पहलवान सुशील कुमार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने मुंडका से गिरफ्तार कर लिया है। स्पेशल टीम के हत्थे सुशील कुमार का साथी अजय भी चढ़ा। आपको बता दें कि हत्याकांड मामले में फरार चल रहे सुशील कुमार पर एक लाख और साथी अजय पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। इस मामले को लेकर सुशील कुमार ने कोर्ट का रुख भी किया था, लेकिन कोर्ट ने उन्हें अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया।

सुशील पर आईपीसी सेक्शन 302 (हत्या), 365 (अपहरण), 120-B (आपराधिक साजिश रचने) के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह पूरा मामला दिल्ली के मॉडल टाउन इलाके में एक फ्लैट को खाली करने को लेकर शुरू हुआ था। इस फ्लैट में सागर अपने साथियों के साथ किराए पर रहते थे, वो फ्लैट सुशील कुमार की पत्नी का था, लेकिन सागर ने किराया दिए बगैर फ्लैट को छोड़ दिया। जानकारी के मुताबिक सुशील ने कई बार सागर से अपने बकाया किराए की मांग की, लेकिन सागर रुपए देने में टाल-मटोल करता रहा।

4 मई की देर रात दिल्ली के मॉडल टॉउन थाने के इलाके में सुशील कुमार और उनके साथियों ने सागर और उसके दोस्तों का किडनैप किया। फिर छत्रसाल स्टेडियम में ले जाकर उनकी पिटाई की। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, 20 से 25 लोगों ने 23 साल के सागर और दो अन्य को अधमरा होने तक पीटा था। जांच के दौरान घटना की सीसीटीवी फुटेज भी बरामद की हुई।

फुटेज में सुशील 20-25 पहलवानों और असौदा गिरोह के बदमाशों के साथ सागर धनखड़ और दो अन्य को पीटता दिखा था। सभी लोग सागर को लात-घूंसों, डंडों, बैट और हॉकी से मारते दिख रहे थे। फुटेज में सुशील सागर और दो अन्य पीड़ितों पर हॉकी चलाता भी दिखा था। फुटेज और वीडियो सुशील के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा सबूत है। पुलिस ने दोनों को ही जब्त कर सुशील पर इनाम घोषित कर दिया।

इसके बाद से पुलिस को लगातार सुशील की तलाश थी। पुलिस ने दिल्ली के अलावा पंजाब, यूपी, उत्तराखंड और हरियाणा में भी ताबड़तोड़ दबिश दी। दिल्ली में कई ठिकानों पर पुलिस ने छापा मारा लेकिन सुशील का कोई सुराग नहीं लगा। पुलिस के मुताबिक, फरार होने के बाद सुशील ने फरार होने के बाद कई ठिकाने बदले थे। 6 मई को सुशील कुमार हरिद्वार ऋषिकेश के एक बड़े बाबा के आश्रम में रुके। फिर 7 मई को वो वापस दिल्ली आए। इसके बाद फिर बहादुरगढ़ गए।

बहादुरगढ़ से सुशील कुमार चंडीगढ़ गए। चंडीगढ़ से वापस बठिंडा गए। फिर भटिंडा से चंडीगढ़ गए। चंडीगढ़ से सुशील फिर गुरुग्राम गए। गुरुग्राम से वेस्ट दिल्ली आए और फिर इसके बाद वो 23 मई को मुंडका से गिरफ्तार हुए। आपको बता दें कि सागर धनखड़ के पिता अशोक धनखड़ दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल है। उन्होंने बताया कि सागर पिछले 8 साल से छत्रसाल में ट्रेनिंग ले रहा था।

वो सुशील कुमार को ही अपना गुरु मानता था। उन्होंने बताया कि मैंने अपने बेटे को महाबली सतपाल के हवाले किया था, जो छत्रपाल अखाड़ा चलाते है। सतपाल ने उनसे वादा किया था कि उनका बेटा देश के लिए मेडल जीतेगा, लेकिन गुरू होते हुए…? वहीं आपको ये भी बताते चले कि सुशील कुमार भारतीय रेसलिंग इतिहास के बड़े खिलाड़ियों में गिने जाते है।

उन्होंने ओलंपिक के अलावा वर्ल्ड चैंपियनशिप में 2010 में गोल्ड, कॉमनवेल्थ गेम्स में 2010, 2014 और 2018 में गोल्ड, एशियन गेम्स 2006 में ब्रॉन्ज और एशियन चैंपियनशिप में 2003 में ब्रॉन्ज, 2007 में सिल्वर, 2008 में ब्रॉन्ज और 2010 में गोल्ड मेडल जीता।

इसके अलावा सुशील ने रेसलिंग के कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में पांच गोल्ड और एक ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा किया। सुशील कुमार के खेल को देश में सम्मान भी मिला. 2005 में उन्हें अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. 2009 में उन्हें सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड से नवाजा गया। साल 2011 में पद्मश्री भी मिला।