अगर आप ऑनलाइन फूड ऑर्डर करते हैं, तो आपको इसके लिए हम ज्यादा पैसे चुकाने पड़ेंगे। क्योंकि ऑनलाइन फूड डिलिवरी आने वाले दिनों में महंगी होने वाली हैं। इसको लेकर जीएसटी काउंसिल कमिटी चर्चा कर रही हैं। इसमें कमिटी ने फूड डिलिवरी एप्स को कम से कम 5 फीसदी जीसएटी के दायरे में लाने की सिफारिश की है। अगर ऐसा होता हैं तो स्विगी, जोमैटो आदि से खाना मंगाना महंगा पड़ सकता है। जीएसटी काउंसिल कमिटी की मीटिंग 17 सितंबर यानी शुक्रवार को होगी।
जानकारी के मुताबिक, ये जीएसटी काउंसिल की मीटिंग लखनऊ में होनी है। बताया जा रहा हैं कि सरकार को टैक्स में 2 हजार करोड़ रुपये के नुकसान हुआ है। जीएसटी काउंसिल के फिटमेंट पैनल ने सिफारिश की है कि फूड एग्रीगेटर को ई-कॉमर्स ऑपरेटर माना जाए। इस मीटिंग की अगुवाई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगे। जीएसटी परिषद की इस बैठक में राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल हैं। आपको बता दें कि जीएसटी परिषद की इससे पिछली बैठक 12 जून को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई थी।
इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। यह भी कहा जा रहा है कि बैठक में पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने पर विचार हो सकता है। इस बैठक में अन्य चीजों के अलावा कोविड-19 से संबंधित आवश्यक सामान पर रियायती दरों की समीक्षा हो सकती है। वित्त मंत्रालय ने हाल ही में बताया था कि अगस्त में जीएसटी संग्रह 1.12 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा था। एक साल पहले अगस्त माह के मुकाबले इसमें 30 प्रतिशत से अधिक वृद्धि दर्ज की गई थी।