देश के पांच राज्यों में केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक और गोवा में तौकते तूफान ने जमकर तबाही मचाई है। लेकिन सबसे ज्यादा इसका असर मुंबई में रहा। सोमवार को जब तौकते तूफान मुंबई से गुजरा तो इसके चक्रव्यूह में कई जहाज फंस गए, बर्ज P305 भी इसकी चपेट में आ गया और उसमें सवार 273 लोगों में से 177 लोगों को बचा लिया गया और अभी भी बाकी बचे हुए लोगों को बचाने की कोशिश की जा रही है। इसे लेकर नौसेना के उप प्रमुख एमएस पवार भावुक हो गए, उन्होंने कहा कि, यह पिछले 4 दशकों में उनके लिए सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण रेस्क्यू ऑपरेशननों में से एक है।
जिंदा रहेंगे तो कोरोना का सामना दोबारा करेंगे
उन्होंने कहा कि युद्धपोत एक-दो मिसाइलों से नुकसान उठा सकते हैं और फिर भी अपनी युद्धक क्षमता बनाए रख सकते हैं लेकिन, समुद्र किसी को नहीं बख्शता। समुद्र जितना अच्छा दोस्त है उतना ही बड़ा दुश्मन भी है। उन्होंने कहा कि, उनके जहाज और चालक दल अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं और वे किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। भावुक होते हुए नौसेना उप प्रमुख ने कहा कि, कोरोना को भुलाकर हमारा मुख्य उद्देश्य लोगों को समुद्र से बचाना है। वह भाग्यशाली हैं कि उनके सभी कर्मचारियों को टीके की दोनों खुराक मिल चुकी है। उन्होंने कहा जिंदा रहेंगे तो कोरोना का सामना दोबारा करेंगे।
बर्ज P305 में 273 सावल लोगों में से 177 को बचाया गया
मुंबई से 175 किलोमीटर दूर हीरा ऑयल फील्ड्स के पास तौकते तूफान के कारण 'बर्ज P305' जहाज में फंसे लोगों को बचाने का काम पिछले 20 घंटों से लगातार चल रहा है। ये जहाज चक्रवाती तूफान की वजह से मुंबई के हीरा ऑयल फील्ड्स तट से दूर चला गया था। इसमें कुल 273 लोग सवार थे जिसमें से 177 लोगों को बचाया जा सकता है और 96 लोगों को अब भी बचाने का काम जारी है।
इसमें फंसे लोगों को बचाने के लिए INS कोच्चि और INS कोलकाता युद्धपोतों के साथ दूसरी सपोर्ट वेसल की भी मदद ली जा रही है। लोगों को बचाने के लिए सबसे पहले INS कोच्चि को भेजा गया था, जिसने सबसे पहले पहुंचकर 66 लोगों को बचाया, उसके बाद इंडियन नेवी के दूसरे शिप INS कोलकाता को भी रवाना किया गया।
रेक्स्यू अभियान के तहत नौसेना के दो P81 निगरानी एयरक्राफ्ट समुद्री गश्त पर
रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए भारतीय नौसेना ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। अपतटीय की 20 से ऊपर बोट्स को भी मिशन पर लगाया गया है। हालांकि रात में तेज हवा और लहरों की ज्यादा ऊंचाई को देखते हुए हवाई ऑपरेशन नहीं चल सका। लेकिन नौसेना ने मंगलवार सुबह से अपने एयर ऑपरेशन को अंजाम दिया और आपरेशन के लिए नौसेना के दो P81 निगरानी एयरक्राफ्ट समुद्री गश्त पर हैं। इसी के साथ, एक दर्जन से ज्यादा नेवी के चेतक और सीकिंग हेलीकॉप्टर्स को भी लगाए गए हैं। साथ ही 12 से ऊपर और अतिरिक्त हेलिकॉप्टर स्टैंडबॉय में रखे गए हैं और मौसम ठीक होते ही इन्हें भी रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए लगा दिया जाएगा।