Hindi News

indianarrative

Tarun Tejpal: 8 साल बाद बलात्कार के आरोप से तरुण तेजपाल बरी तो दोषी कौन- आरोपी, पुलिस या न्याय व्यवस्था?

Tarun Tejpal

तहलका पत्रिका के पूर्व एडिटर इन चीफ तरुण तेजपाल को यौन शोषण मामले में बरी कर दिया गया है। गोवा की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए तरुण तेजपाल को बड़ी राहत दी। तरुण तेजपाल पर पिछले 8 साल से मामला चल रहा है। उनपर अपनी सहकर्मी के साथ लिफ्ट में यौन शोषण का आरोप लगा था। तरुण तेजपाल मई 2014 से जमानत पर बाहर हैं। तरुण तेजपाल को बरी किए जाने  के बाद सवाल उठ रहे है कि इस मामले में तरुण तेजपाल निर्दोष साबित हुए तो दोषी कौन है। क्या पुलिस दोषी है या वो आरोपी जिसने यौन शोषणका आरोप लगाया या भारत की न्याय व्यवस्था दोषी है। एक सवाल यह भी है  कि तरुण तेजपाल निर्दोष साबित हुआ है तो आरोपी या पुलिस के खिलाफ कोर्ट ने कोई आदेश पारित किया है

पत्रकार तरुण तेजपाल पर आईपीसी की धारा 342 (गलत तरीके से रोकना), 342 (गलत मंशा से कैद करना), 354 (गरिमा भंग करने की मंशा से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना), 354-ए (यौन उत्पीड़न), 376 (2) (महिला पर अधिकार की स्थिति रखने वाले व्यक्ति द्वारा बलात्कार) और 376 (2) (के) (नियंत्रण कर सकने की स्थिति वाले व्यक्ति द्वारा बलात्कार) के तहत मुकदमा चला।

क्या है मामला?

7 नवंबर, 2013, गोवा के एक फाइव स्टार होटल में तहलका का थिंक फेस्ट चल रहा था। तहलका के एडिटर इन चीफ और जाने-माने पत्रकार तरुण तेजपाल समेत दुनिया के कई मशहूर चेहरे इस फेस्ट का हिस्सा थे। इसी कार्यक्रम में वो लड़की भी शामिल हुई। वो लड़की आई तो थी अपनी ड्यूटी करने, लेकिन अपने बॉस तरुण तेजपाल के नापाक इरादों का शिकार बन गई। लड़की के अनुसार तेजपाल ने उसके साथ एक नहीं, बल्कि दो-दो बार ज्यादती की और मुंह खोलने पर बुरे अंजाम की धमकी भी दी।

लड़की ने सबूत के तौर पर तेजपाल को भेजे गए मैसेजेस और मेल को कोर्ट में पेश किया।  अपने बयान में लड़की ने साफ किया है कि जो भी हुआ उसकी मर्जी के खिलाफ हुआ। वहीं तेजपाल की तरफ से सहमति की बात कही गई। बयान में लड़की ने ये भी कहा है कि मैनेजिंग एडिटर शोमा चौधरी ने भी उसकी कोई मदद नहीं की।