दिल्ली की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है और इसी जहरीली हवा में दिल्ली वाले सांस लेने पर मजबूर हैं। बढ़ते प्रदूषण ने सरकारें और सुप्रीम कोर्ट तक को चिंता में डाला हुआ है। आज सुबह दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 379 दर्ज किया गया, जिसका मतलब है कि यहां की हवा सांस लेने लायक नहीं है। इस कड़ी में परिवहन विभाग ने एक और कदम उठाया है। प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों के खिलाफ दिल्ली में अभियान तेज हो गया है। इसके तहत अब पेट्रोल पंपों पर ही प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (पीयूसी) की जांच की जा रही है।
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जिन गाड़ियों का प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र नहीं है, उनका पेट्रोल पंप पर ही 10 हजार रुपये का चालान काटा जा रहा है। इसके लिए परिवहन विभाग ने पेट्रोल पंपों पर ही सिविल डिफेंस वॉलेंटियरों को नियुक्त किया है। अगर आपकी गाड़ी का पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट खत्म हो गया है, तो बिना किसी देरी के बनवा लें, अन्यथा 10 हजार रुपये की चंपत लगना तय है। खास बात ये है कि आपको पीयूसी सर्टिफिकेट दिखाने के लिए कहा भी नहीं जाएगा, आपकी गाड़ी के रजिस्ट्रेशन नंबर के जरिए ऑनलाइन ही चेक कर लिया जाएगा कि आपकी गाड़ी का पीयूसी सर्टिफिकेट है या नहीं।
अगर आपकी गाड़ी का पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं है तो पेट्रोल पंप पर ही आपको 10 हजार रुपये का चालान थमा दिया जाएगा या ई-चालान आप तक पहुंच जाएगा। यह कोई ऐसा नियम नहीं है जो अमल में लाया जाएगा, बल्कि ऐसा हो रहा है। इसके अलावा दिल्ली परिवहन विभाग गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए एक और मुहिम चला रहा है। रेड लाइट ऑन-गाड़ी ऑफ नाम की इस मुहिम का दूसरा चरण आगामी 19 नवंबर से 3 दिसंबर तक चलाया जाना है। दिवाली से कुछ दिन पहले से ही दिल्ली और एनसीआर की हवा बेहद खराब और गंभीर श्रेणियों के बीच बनी हुई है।