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जम्मू-कश्मीर, लद्दाख के जलाशयों के पानीदार बनने का मौसम आया

जम्मू-कश्मीर, लद्दाख के जलाशयों के पानीदार बनने का मौसम आया

<p id="content">जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख के बारहमासी जलाशयों के अच्छे दिन आने के संकेत मिल रहे हैं। दोनों केंद्रशासित प्रदेशों में  रविवार को बादल छाए रहे। इससे आज न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी हुई। इस कारण से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सोमवार को बारिश और बर्फबारी की संभावना बढ़ गई।</p>
मौसम विभाग ने दोनों केंद्रशासित प्रदेशों में 7 से 8 दिसंबर के बीच हल्की से मध्यम बर्फबारी का अनुमान लगाया है। इस दौरान बारिश होने से इन इलाकों के बारहमासी जलाशयों में जल स्तर भरपूर हो जाता है।

घाटी के अधिकारियों ने बर्फ की निकासी मशीनों और आपातकालीन कर्मचारियों को मौसम की वजह से किसी भी तरह की घटना से निपटने के लिए तैयार रखा है, हालांकि इस अवधि के दौरान मैदानी इलाकों में भारी बर्फबारी का कोई अनुमान नहीं है।

मौसम विभाग के अनुसार, 12 से 13 दिसंबर के बीच जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख में बारिश और बर्फबारी की संभावना है। दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में रविवार को बादल छाने के कारण रात के न्यूनतम तापमान में वृद्धि देखी गई। श्रीनगर में रविवार को न्यूनतम तापमान 3.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि पहलगाम और गुलमर्ग में क्रमश: 2.8 और शून्य से 3.0 दर्ज किया गया।

लद्दाख के लेह शहर में रात का न्यूनतम तापमान शून्य से 6.4 दर्ज किया गया। जम्मू शहर में आज न्यूनतम तापमान 12.9, कटरा में 11.2, बटोटे में 7.1, बनिहाल में 5.2 और भद्रवाह में 3.7 तापमान दर्ज किया गया। गौरतलब है कि 40 दिनों की कठोर सर्दियों की ठंड को 'चिल्लई कलां' कहा जाता है, वह 21 दिसंबर से शुरू होती है और 31 जनवरी को समाप्त होगी। इस अवधि के दौरान बर्फबारी के कारण जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख के बारहमासी जल जलाशयों में जल स्तर भरपूर हो जाता है।

चिल्लई कलां के दौरान अधिकतम तापमान में गिरावट आती है और इन 40 दिनों के दौरान अधिकांश समय घाटी में अधिकतम तापमान 6-7 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है।.