सोमवार को संसद का मानसून सत्र शुरू पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि "आज जब हमारी सेना के वीर जवान सीमा पर डटे हुए हैं, बड़ी हिम्मत के साथ, जज्बे के साथ, बुलंद हौसलों के साथ दुर्गम पहाड़ियों में डटे हुए हैं, और कुछ समय के बाद वर्षा भी शुरू होगी। जिस विश्वास के साथ वो खड़े हैं, मातृभूमि की रक्षा के लिए डटे हुए हैं, ये सदन भी, सदन के सभी सदस्य एक स्वर से, एक भाव से, एक भावना से, एक संकल्प से संदेश देंगे-सेना के जवानों के पीछे देश खड़ा है, संसद और सांसद सदस्यों के माध्यम से खड़ा है।"
मोदी ने कहा कि "पूरा सदन एक स्वर से देश के वीर जवानों के पीछे खड़ा है; ये बहुत ही मजबूत संदेश भी ये सदन देगा, सभी माननीय सदस्य देंगे। ऐसा मेरा पूरा विश्वास है। मैं आपसे भी आग्रह करूंगा कि कोरोना के कालखंड में आपको पहले की तरह मुक्ति से सब जगह पर जाने का अवसर नहीं मिलेगा, अपनों को खुद जरूर संभालना दोस्तों। खबरें तो मिल जाएंगी, आपके लिए कोई मुश्किल काम नहीं है, लेकिन खुद को जरूर संभालना, ये मेरी आपको निजी प्रार्थना है।"
मोदी ने कहा कि इस सत्र में कई महत्वपूर्ण निर्णय होंगे, अनेक विषयों पर चर्चा होगी। हम सबका अनुभव है कि लोकसभा में जितनी ज्यादा चर्चा होती है जितनी गहन चर्चा होती है, जितनी विविधताओं से भरी चर्चा होती है उतना सदन को भी, विषय-वस्तु को भी और देश को भी बहुत लाभ होता है।.