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इन गलतियों की वजह से ट्विटर छीन सकता है आपके अकाउंट से ब्लू टिक, जानें क्या है नियम ?

photo courtesy Google

माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के अकाउंट से ब्लू टिक वेरिफिकेशन को हटा दिया है। ट्विटर के इस फैसले के बाद  'Vice President of India' ट्रेंड होने लगा है। इस खबर के बाद से लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। लोगों का कहना है कि ट्विटर ने उपराष्ट्रपति के ट्विटर हैंडल से ब्लू टिक हटाकर भारत के संविधान पर हमला बोला है। लोगों ने ट्विटर के इस फैसले को शर्मनाक बताया और सवाल किया कि ट्विटर ने उपराष्ट्रपति के हैंडल से क्यों ब्लू टिक हटाया ?  

बढ़ता विवाद देख ट्विटर ने वेंकैया नायडू फिर से ब्लू टिक दे दिया। ऐसे में लोगों को ये जानने की उत्सुकता है कि आखिर ब्लू टिक हटाने का नियम क्या है?, ट्विटर पर किस स्थिति में ब्लू टिक को हटाता है ?.. चलिए आपको बताते है कि इन सवालों के जवाब, किसी अकाउंट से ब्लू टिक हटने की पहली शर्त होती है कि यदि आपका अकाउंट लंबे समय से एक्टिव नहीं है तो कंपनी ब्लू टिक को हटा सकती है। सबसे जरूरी बात ये है कि ब्लू टिक हटाने से पहले कंपनी आपको नोटिस नहीं देगी।

ट्विटर की पॉलिसी में साफ-साफ लिखा है कि वो नोटिस दिए बिना आपके अकाउंट से ब्लू टिक वेरिफिकेशन को हटा सकती है। आपको बता दें कि उपराष्ट्रपति के ऑफिशियल हैंडल से 23 जुलाई 2020 को आखिरी ट्वीट किया गया था, उसके बाद इस अकाउंट से कोई ट्वीट नहीं हुआ है। इसके अलावा यदि आप किसी सरकारी पद पर हैं और पद पर रहने के दौरान अकाउंट को वेरिफाई किया गया है तो पद से हटने के बाद वेरिफिकेशन को हटाया जा सकता है। साथ ही यदि आपके अकाउंट से बार-बार ट्विटर की पॉलिसी का उल्लंघन होता है तब भी आपके अकाउंट से ब्लू टिक को हटाया जा सकता है।

अगर आप बार डिस्प्ले नेम, बायो और प्रोफाइल फोटो बदलकर लोगों को गुमराह कर रहे है, तब भी आपके अकाउंट से ब्लू टिक को हटाया जा सकता है। पॉलिसी उल्लंघन के मामले में ब्लू टिक हटाने की प्रक्रिया ऑटोमेटिक नहीं होती है। आपको बता दें कि सरकार की नई गाइडलाइन के बीच ट्विटर और सरकार के बीच हालिया दिनों में विवाद बढ़ा है। नई गाइडलाइन को अभी तक ट्विटर ने अपनी रजामंदी नहीं दी है। कुछ दिन पहले ही कंटेंट फिल्टरिंग को लेकर दिल्ली पुलिस ने ट्विटर इंडिया के दिल्ली और गुरुग्राम के दफ्तर पर छापेमारी की थी।