केंद्र सरकार के नए आईटी नियमों को ट्विटर के अलावा सभी बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों ने स्वीकार कर लिया है। लेकिन ट्विटर सरकार से दो-दो हाथ करने के मूड में है। सरकार की नई गाइडलाइन लागू करने की डेडलाइन खत्म हो गई, लेकिन विवाद खत्म नहीं हुआ। फेसबुक और गूगल जैसी कंपनियों ने नई गाइडलाइन पर रजामंदी दे दी है लेकिन व्हाट्सएप और ट्विटर राजी नहीं हैं। ट्विटर और व्हाट्सएप प्राइवेसी का हवाला देकर नई गाइडलाइन को लागू नहीं कर रहे हैं।
ट्विटर इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष माहेश्वरी ने शुक्रवार को एक स्लोगन ट्वीट किया। अंग्रेजी में लिखे इस स्लोगन का अर्थ है, 'यह मुश्किल होने वाला है लेकिन मुश्किल का मतलब असंभव नहीं है।' अब उनके इस पोस्ट को ट्विटर और भारत सरकार के बीच जारी टकराव की स्थिति से जोड़कर देखा जा रहा है।
माहेश्वरी के इस ट्वीट को सोशल मीडिया यूजर्स सरकार के साथ चल रहे विवाद से जोड़कर देख रहे हैं, हालांकि माहेश्वरी ने एक और ट्वीट किया जिसमें उन्होंने पहले वाले ट्वीट को लेकर कहा कि मेरा मतलब बिना इंटरनेट विकेंड का वक्त कैसे काटा जाए। मेरे घर का ब्रॉडबैंड बंद है। नेटफ्लिक्स इंडिया, आपके पास कोई विकल्प है?
बता दें कि इसी महीने बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कुछ कागजात साझा करते हुए यह दावा किया था कि पीएम मोदी और देश की छवि को बदनाम करने के लिए कांग्रेस पार्टी ने टूलकिट बनाया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राहुल गांधी भी इसी टूलकिट को फॉलो करते हुए पीएम मोदी को लेकर ट्वीट करते हैं। हालांकि, कांग्रेस ने इस टूलकिट को फर्जी बताया था। इसके बाद ट्विटर ने संबित पात्रा के ट्वीट को 'मैन्युप्युलेटिव मीडिया' का टैग दिया था। टूलकिट मामले को लेकर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ट्विटर के दिल्ली और गुरुग्राम स्थित दफ्तरों पर छापेमारी की थी, जिसके बाद माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। इसी के बाद से ट्विटर और केंद्र सरकार के बीच टकराव जारी है।