भारत और अमेरिका में अलग-अलग मानक बनाने की गलती का अहसास शायद ट्वीटर को हो चुका होगा। भारत सरकार के बार-बार कहने के बावजूद नई गाइड लाइंस को न अपनाने का नतीजा यह है कि ट्वीटर के शेयरों की कीमत एक दिन में 25 फीसदी तक कम हो चुकी है। भारत में ट्वीटर के कई विकल्प मौजूद हैं। इसके बावजूद भारत चीन की राह पर चलने के बजाए ट्वीटर को खुली मार्केट दे रहा है। भारत सरकार ने ट्वीटर से डबल स्टैंडर्ड पॉलिसी छोड़ने का आग्रह किया था। ऐसा न होने पर अब ट्वीटर के खिलाफ कार्रवाईयां शुरू हो चुकी हैं।
नए आईटी नियमों पर भारत सरकार से माइक्रोब्लॉगिंग साइट Twitter को टकराना महंगा पड़ रहा है। Twitter ने नई नियमावली को न मानने पर संकोच दिखाया तो केंद्र सरकार ने उसका स्पेशल स्टेट्स खत्म कर दिया है। Twitter के अड़ियल रुख के बाद भारत सरकार सख्त हो गई है। यही वजह है कि केंद्र की ओर से Twitter को कोई भी छूट न देने का फैसला किया गया है। विवाद के बीच Twitter का शेयर 52 हफ्ते की ऊंचाई से 25 फीसदी से ज्यादा टूट चुका है। न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर कंपनी का शेयर 0.50 फीसदी की गिरावट के साथ 59.93 डॉलर पर बंद हुआ था।
गत 25 फरवरी 2021 को Twitter का शेयर 52 हफ्ते की ऊंचाई 80.75 डॉलर पर पहुंच गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत सरकार से ट्विटर की तकरार शुरू होने के बाद से अब तक कंपनी के बाजार पूंजीकरण में 13.87 बिलियन यानी 1.03 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आ चुकी है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि कंपनियों को भारतीय कानूनों का पालन करना ही होगा। विशेष रूप से तब जब विदेशी कंपनियां भारत की आंतरिक राजनीतिक बहस में किसी का पक्ष लेती हैं तो ऐसी घटनाएं विदेशी उपनिवेशीकरण को जन्म देती हैं।
इसी महीने 5 जून को केंद्र ने ट्विटर को नियमों का पालन करने की लास्ट वॉर्निंग दी थी। लेकिन ट्विटर पर इस चेतावनी का कोई असर नहीं हुआ, जिसके चलते सरकार को मजबूरी के चलते यह कदम उठाना पड़ा है। बता दें कि इससे पहले माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर द्वारा एक मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त किए जाने के एक दिन बाद, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अमेरिका स्थित कंपनी नए नियमों का पालन करने में विफल रहा है।