जयपुर उन जगहों में शुमार हैं जो अपनी ऐतिहासिक इमारतों के लिए मशहूर है। खास बात यहां का अनोखा इतिहास इन इमारतों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। मंगलवार से पहले पिचोला झील, सिटी पैलेस, सज्जनगढ़ पैलेस, फतह सागर झील जैसे तमाम दर्शनीय स्थल के रूप में जानते थे, लेकिन ठीक उसी दिन एक बेहद दिल दहला देने वाली खबर सामने आई, जिसने सभी को हिला के रख दिया। दरअसल, यहां निर्मम हत्या हुई और जिस जगह हत्या हुई उससे सिर्फ एक किलोमीटर की दूरी पर उदयपुर का मशहूर जगदीश मंदिर है। ये मंदिर काफी प्राचीन है और यहां पर भक्त जगन्नाथ के दर्शन करने लोग यहां पर जरुर आते हैं। इसके एक से दो किलोमीटर की दूरी पर ही मस्जिद और मंदिर दोनों बसे हुए हैं। बता दें उदयपुर हमेशा से ही अपनी खूबसूरती, सादगी, संस्कृति के नाम से जाना जाता है।
ये घटना मालदास स्ट्रीट की है
ये पूरा वाकया मालदास स्ट्रीट का है। उदयपुर शहर के बीचों बीच बसा हुआ मालदास स्ट्रीट भी अपनी पुरानी तहजीब के लिए फेमस है। यहां हिन्दू-मुसलमान सहित तमाम लोगों की दुकानें हैं, जो रोजाना सुबह 10 बजे सुबह खुलती है और देर रात बंद होती है। लेकिन कन्हैयालाल के लिए ये दिन आखिरी था भला उनको कहां इस बात की खबर थी कि आज वो घर वापस तो आएगा मगर कफन में लिपटा हुआ। बता दें, उदयपुर का ये पुराना बाजार अपने आप में है। मंगलवार को दिन के वक्त वही चहल थी, वही खुशबू थी मगर अचानक इंसानियत के दुश्मन खुद को धार्मिक बताने वाले दो शख्स आते हैं और एक कपड़े की दुकान चला रहे शख्स पर चाकूनुमा हथियार से हमला कर देते हैं।
अचानक चहल-पहल से हुआ सन्नाटा
ये शहर भी थम जाएगा रुक जाएगा उसको यकीन ही नहीं हुआ क्योंकि इस शहर की ये तासीर है ही नहीं। अचनाक जब शटर गिरे, लोग घर की तरफ भागे। सकरी गलियों से निकलना मुश्किल हो रहा था मगर डर इतना ज्यादा कि लोग वहां से भाग रहे थे। जिस शख्स का गला रेता गया वहां पर खून की धार बह रही थी, जिस शख्स का गला रेता गया उसका नाम कन्हैया था। कन्हैया जिंदगी की भीख मांगता रहा मगर जब तक उसकी जान नहीं निकली उन दरिंदों ने उसको नहीं छोड़ा।
दोस्त ईश्वर नहीं बचा पाए कन्हैयालाल को…
ईश्वर ने बताया कि मालदास स्ट्रीट पर कन्हैयालाल टेलरिंग का काम करते थे। इस दौरान दुकान में झब्बा- पायजामा सिलवाने के लिए दो व्यक्ति (गौस मोहम्मद और मोहम्मद रियाज) आए। उन्होंने कन्हैयालाल से इस सिलसिले में बात करना शुरू की। इसके बाद रियाज नाप देने लगा और गौस वहां खड़ा रहा। इस दौरान वो भी अपने एक और साथी राजकुमार के साथ मौजूद था, तभी अचानक चिल्लाने की आवाज आई, मुड़कर देखा तो रियाज कन्हैयालाल धारदार हथियार से लगातार हमला कर रहा था। घटना को देखकर मैं उस तरफ दौड़ा , तो आरोपियों ने मुझ पर भी हमला कर दिया और तुरंत वहां से बाइक पर रवाना हो गए।
आगे उन्होंने बताया कि आरोपियों के भाग जाने के बाद मैं बाहर निकला और बगल वाली दुकान पर पहुंचा। तब मुझे पता चला कि धारदार हथियार लगने से मेरे बाएं हाथ से खून निकल रहा है। वहीं इस दौरान दुकानदार कन्हैयालाल लहूलूहान हालात में दुकान के बाहर पड़े रहे।