भारत में कोरोना के हालात भयावह हैं और यह पूरी दुनिया के लिए खतरे की घंटी है। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के प्रमुख ने कहा जब तक दुनिया भारत की मदद के लिए कदम नहीं उठाएगी तब तक केवल भारत ही नहीं बल्की पूरी दुनिया के लिए खतरा है। यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक हेनरीटा फोर ने कहा, 'भारत में कोविड-19 के कारण पैदा हुई यह दुखद स्थिति हम सभी के लिए खतरे की घंटी है। जब तक दुनिया भारत की मदद नहीं करेगी तब तक न केवल इस क्षेत्र में नहीं बल्कि पूरी दुनिया में वायरस के कारण होने वाली मौतों, वायरस के म्यूटेशन, सप्लाई में हो रही देरी की खबरें सामने आती रहेंगी।'
इस वक्त भारत में कोरोना की दूसरी लहर संक्रमण तेजी से फैला रही है इशके चलते बीते कुछ दिनों से संक्रमण के रोजाना 3 लाख से ज्यादा मामले आर 3 हजार से ज्यादा मौतें दर्ज हो रही हैं। वहीं, कोविड-19 से निपटने में मदद करने के लिए हाल ही में यूनाइटेड नेशंस चिल्ड्रंस फंड (Unicef) ने भारत को सर्जिकल मास्क समेत जीवन सुरक्षा से जुड़े कई चिकित्सा उपकरण भी भेजे हैं।
WHO के अनुसार भारत में अब तक 2 करोड़ से ज्यादा मामले और 2.26 लाख से ज्यादा मौतें दर्ज हो चुकी हैं। पिछले हफ्ते तो पूरी दुनिया में जितने मामले दर्ज हुए उनमें से 46 फीसदी भारत के हैं। इसी तरह कुल मौतों की 25 फीसदी मौतें भारत में हुईं थीं। वहीं, दक्षिण एशिया के लिए यूनिसेफ के क्षेत्रीय निदेशक जॉर्ज लारिया-अदजेई ने अपने एक बयान में कहा कि इस बारी तबाही को रोकने के लिए तत्तकाल कार्रवाई और दृढ़ नेतृत्व की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि, इस तबाही को रोकने के लिए सरकारों को वो सब करना चाहिए, जो उनकी सामर्थ्य में है। साथ ही जो साझेदार देश हैं वो उन्हें मदद भेज सकते हैं। उन्हें तत्काल मदद भेजनी चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को बिना किसी देरी के कदम उठाना चाहिए, ऐसा करना केवल नैतिक अनिवार्यता नहीं है बल्कि यह स्थिति पूरे दक्षिण एशिया के लिए घातक है।