केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक दिल्ली के एम्स में भर्ती है। बताया जा रहा है कि अचानक तबीयत बिगड़ने के चलते उन्हें एम्स अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। आपको बता दें कि शिक्षा मंत्री निशंक ने 21 अप्रैल को ट्वीट कर जानकारी दी थी कि वे कोरोना से संक्रमित हो गए है। हाल ही में वो कोरोना से ठीक हुए थे। बीमारी से उबरने के बाद उन्होंने अपना काम संभाला। इस बीच उन्होंने 12वीं की परीक्षा को लेकर बैठके भी की। आज 12वीं परीक्षाओं को लेकर फैसला होना था, लेकिन अचानक मंत्री का स्वास्थ्य खराब हो जाने की वजह से माना जा रहा है कि इसको अभी और टाला जा सकता है।
फिलहाल, अभी कोई तक इसको लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट को सोमवार को बताया गया कि सरकार कोविड-19 वैश्विक महामारी के बीच 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने या नहीं करने के बारे में आगामी दो दिन में अंतिम फैसला करेगी। अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने ये जानकारी न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की बेंच को दी थी। बेंच ने कहा कि अगर केंद्र वैश्विक महामारी के कारण शेष बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने की पिछले साल की नीति से अलग फैसला करता है, तो उसे इसका ठोस कारण देना होगा।
आपको बता दें कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने सोमवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से आग्रह किया था कि कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर को ध्यान में रखते हुए सीबीएसई की 12वीं कक्षा की परीक्षा कराने पर पुनर्विचार किया जाए। उन्होंने निशंक को पत्र लिखकर यह भी कहा कि बच्चों के जीवन को खतरे में डालना उनके साथ बहुत बड़ा अन्याय होगा।
वहीं, शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले आरएसएस से संबद्ध एक निकाय ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया कि बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित कराई जानी चाहिए, जबकि महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय को सूचित किया कि कक्षा 10वीं एसएससी और कक्षा 12वीं एचएससी की परीक्षाओं की तुलना नहीं की जा सकती है, क्योंकि 12वीं कक्षा की परीक्षा विद्यार्थियों के लिए अपेक्षाकृत अधिक महत्वपूर्ण होती है और उनका करियर इस पर ज्यादा निर्भर करता है।