जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद काफी कुछ बदला है। अब केंद्र सरकार वहां की ग्राउंड रियलिटी का आकलन करना चाहती है। केंद्रीय मंत्रियों की अलग-अलग टीम कश्मीर का दौरा करेगी और अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इस रिपोर्टस के आधार पर केंद्र सरकार कश्मीर पर आगे की रणनीति तय करेगी। ये टीमें जनता से बात करेंगी, अपनी सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों की जानकारी देंगी और उनका मन भांपने की कोशिश करेंगी। 9 हफ्तों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में करीब 70 मंत्री हिस्सा लेंगे।
ये दौरा 10 सितंबर से शुरू होने वाला है। मंत्री जनता के साथ वहां के पंचायती राज संस्थाओं के लोगों से भी मिलेंगे। केंद्रीय मंत्रिपरिषद में कुल 78 मंत्री हैं और उनमें से 70 के इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने की बात सामने आ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जम्मू और कश्मीर के दौरे पर जाएंगे या नहीं, अभी इसपर कुछ तय नहीं हुआ है। हर हफ्ते 8 मंत्री कश्मीर का दौरा करेगे। वहां से रिपोर्ट बना कर सीधे पीएमओ और होम मिनिस्ट्री को अपनी रिपोर्ट देंगे।
आपको बता दें कि 2020 में जो केंद्रीय मंत्री जम्मू और कश्मीर के दौरे पर गए थे, उन्होंने भी वापस लौटकर रिपोर्ट्स सौंपी थीं। अब सितंबर में हो रही यह कवायद पहले जुलाई और अगस्त के महीनों में होनी थी, मगर संसद के मॉनसून सत्र और फिर स्वतंत्रता दिवस समारोह के चलते टाल दिया गया। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला शुक्रवार को ही जम्मू और कश्मीर का दौरा खत्म कर लौटे हैं।