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दिल्ली विश्वविद्यालय : कुलपति पद के लिए शिक्षा मंत्रालय ने मांगे आवेदन

दिल्ली विश्वविद्यालय (<strong>University of Delhi</strong>) के मौजूदा कुलपति के निलंबन के बाद अब दिसम्बर महीने से दिल्ली विश्वविद्यालय में नए कुलपति (<strong>Vice chancellor</strong>) की खोज शुरू हो जाएगी। वाइस चांसलर की पोस्ट के लिए अनुभवी प्रोफेसर एक महीने तक आवेदन कर सकते हैं। यह आवेदन सीधे केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को भेजे जाएंगे। दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की सिफारिश पर 28 अक्टूबर को निलंबत किया जा चुका है। इस कार्रवाई के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय का सारा कामकाज फिलहाल कार्यकारी कुलपति के माध्यम से किया जा रहा है।

अब शिक्षा मंत्रालय के उच्चतर शिक्षा विभाग के अवर सचिव ने दिल्ली विश्वविद्यालय के नए वाइस चांसलर की नियुक्ति के लिए औपचारिक आवेदन प्रकाशित किया है। इसके जरिए दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति पद हेतु आवेदन मांगे गए हैं।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने अधिकारिक जानकारी देते हुए कहा, "डीयू के नए वाइस चांसलर के लिए आवेदन मांगे गए हैं। आवेदन अगले 30 दिन के भीतर रजिस्ट्री पोस्ट द्वारा <strong>अवर सचिव, केंद्रीय विश्वविद्यालय, उच्चतर शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय</strong> को भेजने होंगे। साथ ही आवेदन का प्रपत्र शिक्षा मंत्रालय और दिल्ली विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर डाला गया है।"

दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर का कार्यकाल 10 मार्च 2021 को समाप्त हो रहा है। शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ने नए वाइस चांसलर की नियुक्ति के लिए प्रपत्र जारी करने व जल्द सर्च कमेटी बनाए जाने पर खुशी जाहिर की है।

दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ( डीटीए ) के प्रभारी प्रोफेसर हंसराज सुमन ने कहा, "वाइस चांसलर की नियुक्ति के लिए बनने वाली सर्च कमेटी में एक सदस्य आरक्षित वर्ग से लिया जाए। दिल्ली विश्वविद्यालय के अधिनियम-1922 के प्रावधानों के अंतर्गत नियुक्ति गठित समिति द्वारा सिफारिश किए गए नामों के पैनल में से की जाएगी।"

वाइस चांसलर की नियुक्ति के लिए प्रोफेसर व किसी विश्वविद्यालय से 10 वर्ष का अनुभव होना चाहिए। नए वाइस चांसलर की नियुक्ति में स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि आवेदक 65 वर्ष की आयु से अधिक का नहीं होना चाहिए। वर्तमान वाइस चांसलर के कार्यकाल के मात्र 5 महीने शेष बचे हैं। जबकि नए वाइस चांसलर की नियुक्ति की प्रक्रिया 6 महीने पहले शुरू हो जाती है। सर्च कमेटी ही दिसम्बर महीने से स्क्रूटनी के पश्चात नए वाइस चांसलर की खोज कर सकती है। गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय को 100 साल पूरे होने वाले हैं।.