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खुले दुकान, हटा लॉकडाउन लेकिन, जरा-जरा हटके, जरा बचके…कोरोना है मौजूद, तीसरी लहर का भी खतरा

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आज से देश के राज्यों में लॉकडाउन में ढील दी रहा है। लंबे समय से लगे लॉकडाउन की पाबंदियों में काफी छूट दी गई है। दिल्‍ली, जम्‍मू और कश्‍मीर ने 31 मई से ही लॉकडाउन के नियमों में ढील देनी शुरू कर दी थी। यूपी, एमपी, हिमाचल प्रदेश, गुजरात समेत कई राज्‍यों में 1 जून से रियायतें दी जानी हैं। कहीं दुकानों के खुलने का वक्‍त बढ़ाया गया है तो कहीं दफ्तर पूरी क्षमता से खुल रहे हैं। कुछ जगह अलग-अलग पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी शुरू क‍िया गया है।

अगर अनलॉक की प्रक्रिया को जारी रखना है तो जनता को भी सहयोग करना होगा। रियायत मिलने का मतलब यह नहीं कि उनका दुरुपयोग शुरू कर दिया जाए। कुछ सावधानियों का पालन करके ही हम कोविड-19 की तीसरी लहर को आने से रोक पाएंगे। जरूरी यह है कि हम पिछले लॉकडाउन में की गईं गलतियों से सबक लें और उन्‍हें न दोहराएं।

पिछले साल जब लॉकडाउन खुला था तो लोग जैसे सड़कों पर टूट से पड़े थे। इससे बाज आएं। वायरस अभी हमारे बीच लंबे समय तक रहने वाला है। ऐसे में भीड़-भाड़ से बचना होगा। हमने सोमवार को दिल्‍ली में भी देखा कि अनलॉक के पहले दिन आईटीओ समेत कई जगहों पर भारी ट्रैफिक जाम लग गया। अगर जरूरी हो तो ही घर से बाहर निकलें वर्ना भीतर ही रहें। पिछले साल कोविड-19 का प्रकोप शुरू होने से लेकर हमने ये दो शब्‍द बार-बार सुने हैं- सोशल डिस्‍टेंसिंग। इनका महत्‍व हर महामारी में सबसे ज्‍यादा होता है। अभी वायरस खत्‍म नहीं हुआ है, अब भी रोज एक लाख से ज्‍यादा केस आ रहे हैं, इसलिए बिल्‍कुल कोताही न करें। बाहर निकलें या वर्कप्‍लेस पर हों तो सोशल डिस्‍टेंसिंग का पालन जरूर करें। याद रखिए, वैक्‍सीन के अलावा मास्‍क और सोशल डिस्‍टेंसिंग ही वायरस के खिलाफ हमारे सबसे बड़े हथियार हैं।

सैनिटाइजर से तौबा न करें। बाहर निकलें तो पॉकेट में सैनिटाइजर की शीशी जरूर रख लें। हाथों को बार-बार साबुन से धोते रहें। किसी ऐसी चीज को छुएं जिसे बहुतों ने छुआ हो तो हाथों को सैनिटाइज जरूर करें जैसे कि लिफ्ट, दरवाजे, रेलिंग आदि। लोगों से हाथ मिलाने से परहेज करें क्‍योंकि आपको नहीं पता कि अगला संक्रमित है या नहीं।