देशभर में तेजी से बढ़ रहे कोरोना महामारी के मामलों के बीच उत्तर प्रदेश बोर्ड पर सबकी निगाहें टिकी हैं। कोरोना महामारी के कारण देशभर में अधिकांश बोर्ड परीक्षाएं रद्द और स्थगित हो चुकी हैं। यूपी बोर्ड ने भी अपनी 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं स्थगित कर दी थीं। लेकिन अब परीक्षाओं को रद्द करने की मांग तेजी से जोर पकड़ने लगी है। माना जा रहा है कि यूपी बोर्ड की ओर से बिना वार्षिक परीक्षा ही हाईस्कूल रिजल्ट जारी किया जा सकता है, हालांकि अभी तक यूपी बोर्ड की तरफ से 10वीं की परीक्षाएं रद्द होने का कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है। लेकिन उम्मीद है कि एक-दो दिन के अंदर राज्य सरकार इस बारे में कोई बड़ा फैसला ले सकती है।
एक सप्ताह पहले राज्य के उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा में ने मीडिया से कहा था कि बोर्ड परीक्षाओं को लेकर 20 मई 2021 के बाद फैसला किया जाएगा। यानी अब जल्द ही यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के छात्रों को कोई बड़ी खबर मिल सकती है। राज्य सरकार ने पहले 20 मई तक सभी स्कूल-कॉलेजों को बंद रखने का निर्देश दिया था। लेकिन अब 20 मई से 9 से 12वीं तक स्कूलों में ऑनलाइन क्लासेस शुरू हो चुकी हैं।
राज्य में कोरोना की स्थिति का जायज लेने के बाद राज्य सरकार यदि हाईस्कूल परीक्षाओं को रद्द करती है तो प्री-बोर्ड और छमाही परीक्षाओं के आधार पर रिजल्ट जारी करने की तिथि का ऐलान कर सकती है। इसके साथ ही 12वीं की परीक्षाएं कब तक आयोजित की जा सकेंगी इसे लेकर भी संभावित टाइम-टेबल जारी किया जा सकता है।
इससे पहले डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने कहा था कि कोरोना पीक का आकलन समय-समय पर किया जा रहा है। हमारे 19 अधिकारी जो बोर्ड परीक्षाओं से संबंधित हैं, इनमें से 17 अधिकारी संक्रमित हैं। सभी के ठीक व स्वस्थ होने के बाद हम आपस में चर्चा करके मुख्यमंत्री से संवाद करेंगे। इसके बाद ही कुछ निर्णय लिया जाएगा।
सीबीएसई बोर्ड में 10 से 15 लाख विद्यार्थी बैठते हैं। यूपी बोर्ड दुनिया का सबसे बड़ा बोर्ड है जिसमें 55-56 लाख विद्यार्थी बैठते हैं। परीक्षा की तैयारियों की मॉनिटरिंग चल रही थी। मुख्यमंत्री खुद परीक्षा की तैयारियों की मॉनिटरिंग कर रहे थे।