देश में बेकाबू हुए कोरोना वायरस की दूसरी लहर में कालाबाजारी के कई मामले सामने आए। उत्तर प्रदेश में भी ब्लैक मार्केटिंग और अस्पतालों के मनमानी की कई खबरें आईं अब ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड और नॉन कोविड अस्पतालों में मरीजों से इलाज के नाम पर हो रही मनमानी वसूली पर लगाम लगाने और सख्त कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं।
दरअसल, सीएम योगी से जनप्रतिनिधियों ने गुरुवार को शिकायत की थी। मुख्यमंत्री ने आगरा में मोती कटरा स्थित राज्य क्षय रोग एवं प्रदर्शन केंद्र (एसटीडीसी) पर करीब डेढ़ घंटे स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा की। मेयर नवीन जैन ने सीएम से कहा कि, कोविड अस्पतालों में दो-दो दिन में दो से तीन लाख रुपए के बिल मरीजों से लिए जा रहे हैं। कोई अस्पताल तय कीमतों पर इलाज उपलब्ध नहीं करा रहा। गरीब मरीजों के लिए इलाज करा पाना मुश्किल हो रहा है और इन अस्पतालों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हो रही। जिसके बाद सीएम योगी ने डीएम प्रभु एन सिंह को आदेश दिया कि मरीजों की हर शिकायत की जांच कराई जाए। अस्पताल अगर तय कीमतों से अधिक वसूली करता है तो उसके खिलाफ महामारी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज किया जाय।
सीएम योगी ने डीएम को कार्रवाई की छूट देते हुए कहा कि हर मरीज को बेहतर उपचार उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है। जो भी अस्पताल इसके आड़े आएंगे उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने राज्यमंत्री डॉ. जीएस धर्मेश, सांसद एसपी सिंह बघेल, राजकुमार चाहर, विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल, योगेंद्र उपाध्याय, हेमलता दिवाकर, राम प्रताप चौहान आदि से शहर के हालातों का फीडबैक लिया।
सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल ने मुख्यमंत्री से आगरा में डीआरडीओ का अस्पताल खोलने के लिए मंजूरी देने के लिए कहा, जहां पर गरीबों का नि:शुल्क इलाज हो सकेगा। आगरा में एमईएस, सेना का अस्पताल है और 3 ब्रिगेडियर भी बैठते हैं, जो मॉनीटरिंग कर सकते हैं। प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों से हो रही लूट पर उन्होंने सख्ती की मांग की।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निजी एंबुलेंस के मरीजों से लिए जा रहे किराए के बारे में डीएम को निर्देश दिए कि कोई भी एंबुलेंस अधिक किराया नहीं वसूले। इसके साथ ही कोविड और नॉन कोविड अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाएं, ऑक्सीजन, दवाओं और इलाज खर्च का ऑडिट करने के भी आदेश योगी ने डीएम को दिया है।