उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बिल्डरों की जब्त की गई संपत्ति को ई नीलामी के लिए आदेश दे दिया है। सरकार के इस बड़े फैसले का सबसे ज्यादा फायदा गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन को होगा। क्योंकि, पिछले दो दशक में यहां सबसे ज्यादा संख्या में प्रोजेक्ट बंद हुए हैं और अब तक इन खरीदारों को पैसे वापस नहीं मिल सका है।
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गौतमबुद्ध नगर प्रशासन ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान 34 से अधिक बिल्डरों की 400 करोड रुपए से अधिक की अचल संपत्ति जप्त की थी। प्रशासन पिछले 2 वर्ष से लगातार राज्य सरकार से इन संपत्तियों की नीलामी की मांग कर रहा था। अब सरकार की ओर से मंजूरी मिलने के बाद प्रशासन ने इन्हें नीलाम करने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसके साथ ही परेशान उपभोक्ताओं को सरकरा के इस फैसले बड़ी राहत मिलेगी।
उत्तर प्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ऐसे बिल्डरों के खिलाफ वसूली प्रमाण पत्र (आरसी) जारी करता है। इस पर एक्शन लेते हुए जिला प्रशासन बिल्डरों के बैंक खाते सीज करता है। उनकी अचल संपत्ति जप्त होती है। लेकिन अब तक इन संपत्तियों के नीलामी की कोई व्यवस्था नहीं थी। इस वजह से बिल्डरों को कोई खास परेशानी नहीं होती थी। तत्तकालीन जिलाधिकारी बीएन सिंह ने 2019 में शासन को पत्र लिखकर आम आदमी की परेशानी से अवगत कराते हुए ई नीलामी शुरू करने की मांग की थी। जिस पर लंबे समय से मंथन के बाद इसपर मुहल लग सकी।
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बता दें कि, नोएड प्रशासन ने अब तक अंतरिक्ष, केलटेक, सुपरटेक, सनवर्ड, इको ग्रीन, हैबीटेक, गायत्री, सुपर सिटी, लॉजिक्स सहित 34 बिल्डरों की अचल संपत्ति जब्त की है। लगभग 350 फ्लैट, विला, दुकान व प्लाट जब्त किए गए हैं। इनकी अनुमानित कीमत लगभग 400 करोड़ रुपये है। जब्त संपत्तियों में सुपरटेक के 57 विला, लाजिक्स सिटी बिल्डर के 27, मस्कोट होम्स के सात, जेएसएस बिल्डकान के आठ, न्यूटेक प्रमोटर्स के सात फ्लैट सहित अन्य बिल्डर की अचत संपत्तियां शामिल हैं। वही, ई नीलामी जल्द शुरू की जाएगी।