मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जैसे ही राजधानी में लॉकडाउन की घोषणा की वैसे ही लोगों की भीड़ रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर लगने लगी। भारी मात्रा में लोग वापस घर जाने के लिए निकल पड़े जिसके बाद आनंद विहार, कश्मीर गेट बस अड्डे और रेलवे स्टेशनों पर यूपी बिहार के लोगों की भीड़ जमा हो गई। इसी पर उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाया है।
स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ ने कहा है कि दिल्ली सरकार ने बिना प्लानिंग के यूपी-बिहार के लोगों को यूपी बॉर्डर पर लाकर छोड़ दिया। अब यूपी सरकार इन लोगों के लिए बसों का इंतजाम कर रही है ताकि वे लोग अपने गांव तक पहुंच सकें।
इसके आगे उन्होंने कहा कि, दिल्ली के मुख्यमंत्री ने महामारी के दौरान यूपी और बिहार के साथ वही रवैया दिखाया जो पिछले साल दिखाया था। बिना तैयारी के आनन-फानन में लॉकडाउन लगा दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि अपनी विफलताओं पर पर्दा डालने के लिए जब इस तरह से लॉकडाउन लगता है तो व्यवस्थाएं चरमराती है और लोग परेशान होती है।
सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा 'जब वहां पर व्यवस्थाएं देनी थी तो वो नहीं दी, न बेड दिए न अच्छे न अच्छे अस्पताल किए और न ही लोगों को सुविधाएं दी हैं। जब आप ऐसे करते हैं तो अपनी विफलताओं पर पर्दा डालने का एक उपाय रह जाता है कि लॉकडाउन लगा दो। उस समय जब आपने लॉकडाउन लगाया तो उसका परिणाम हमने उत्तर प्रदेश के नोएडा और गजियाबाद के बॉर्डर पर देखा है और दिल्ली सरकार ने फिर वही यूपी और बिहार के लोगों के साथ किया कि बसें लाकर बॉर्डर पर लोगों को छोड़ दिया, उनकी व्यवस्था नहीं की, लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सोमवार रात को यूपी की बसें लगाकर 70 हजार से एक लाख लोगों को वहां से निकालने का कार्य शुरू कर दिया है और उनको अपने गांव तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री ने जो लॉकडाउन लगाया है उसका नतीजा हम देख रहे हैं।