उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव 2021 को लेकर प्रदेश सरकार जोरशोर से तैयारी में लगी है। पंचायत चुनाव में जारी आरक्षण लिस्ट के मामले में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होगी। और शुक्रावर को ही फाइनल आरक्षण सूची भी जारी होनी है ऐसे में सुप्रीम कोर्ट में होने वाली इस सुनवाई पर सबकी निगाहें टिकी रहेंगी।
हाईकोर्ट के फैसले को अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। सीताराम बिसवां के दिलीप कुमार ने वकील अमित कुमार सिंह भदौरिया के जरिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। बताते चलें कि, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कुछ दिन पहले ही पुरानी आरक्षण सूची पर रोक लगाते हुए 2015 के आधार पर चुनाव कराने को लेकर फैसला सुनाया था। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि साल 2015 को आधार मानते हुए सीटों पर आरक्षण लागू किया जाए। इसके पूर्व राज्य सरकार ने कहा कि वह साल 2015 को आधार मानकर आरक्षण व्यवस्था लागू करने के लिए तैयार है और अब उसी को आधार मानकर अंतरिम आरक्षण सूची भी जारी कर दी गई है। इस समय आरक्षण लिस्ट पर आई आपत्तियों के निस्तारण का काम चल रहा है। 26 मार्च को फाइनल आरक्षण लिस्ट जारी होनी है।
चुनावी खर्च का नहीं दिया ब्योरा तो जमानत होगी जब्त
वहीं, मतदाताओं को रिझाने के लिए मनमाना खर्च नहीं किया जा सकेगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने पिछले चुनाव जितनी ही खर्च की सीमा रखने के साथ ही नामांकन और जमानत राशि की धनराशि में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। आयोग ने चुनाव के दौरान प्रत्याशियों के खर्च पर नजर रखने के लिए जिलाधिकारियों (जिला निर्वाचन अधिकारी) को विस्तृत निर्देश जारी किए हैं। तय सीमा से अधिक खर्च पर जमानत जब्त करने के निर्देश दिए गए हैं।