यूपी पंचायत चुनाव को लेकर उम्मीदवारों ने कमर कस ली है। वहीं, सरकार ने राज्य के सभी जिलों में चुनार प्रचार के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल सख्ती से फॉलो करने के लिए कहा है साथ ही राज्य के सभी जिलों में धारा 144 लगा दी गई है। चुनाव के लिए अब नामांकन का सिलसिला शुरू हो गया है। इस दौरान आगरा से एक अनोखे प्रत्याशी ने नामांकन दाखिल किया। इस प्रत्याशी की खासियत है कि उन्होंने 35 सालों में करीब-करीब हर चुनाव लड़ा है। और सभी में उन्हें हार मिली है। इसके बावजूद उन्होंने 93वीं बार चुनाव लड़ने का फैसला लिया है।
खबरों की माने तो खेरागढ़ निवासी हसनु राम अंबेडकरी पेशे से मजदूर हैं और उन्हें समाजसेवा का शौक है। उनके अनुसार पहले वो बीएसपी के कार्यकर्ता थे और एक मीटिंग में उन्होंने बीएसपी के एक पदाधिकारी से टिकट की मांग की थी। इस पर पदाधिकारी ने उन्हें कहा, 'तुम्हे तुम्हारे घर वाले नहीं जानते हैं तो चुनाव कैसे लड़ोगे?' यह बात इतनी बुरी लग गई कि उन्होंने चुनाव लड़ना शुरू कर दिया।
आगरा के प्रत्याशी हसनु अब तक पार्षद, प्रधान का चुनाव लड़ने के साथ ही राष्ट्रपति चुनाव के लिए भी नामांकन किया था। हालांकि राष्ट्रपति के चुनाव के नामांकन में उनका पर्चा खारिज हो गया था और अब वो बस राष्ट्रपति का चुनाव भी लड़ना चाहते हैं। हसनुराम के अनुसार चुनाव में असफलता के लिए बहुत करना पड़ता है। इसके लिए वो सक्षम नहीं हैं इसलिए वो हमेशा हारने के लिए ही चुनाव लड़ते हैं। इस बार उन्होंने खेरागढ़ के वार्ड 23 से नामांकन किया है।