यूपी में सिरासी पार कमने का नाम नहीं ले रहा। मुख्यामंत्री योगी आदित्यनाथ कल से दिल्ली में हैं। कल शाम उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। आज वो प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलेंगे। आज सुबह 10:45 बजे पीएम मोदी से और उसके बाद जेपी नड्डा से 12:30 बजे मुलाक़ात करेंगे। अभी कुछ दिन पहले ही भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बी एल संतोष और पार्टी के प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह ने लखनऊ का दौरा किया था और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की तैयारियों की समीक्षा की थी। दोनों नेताओं ने इस दौरान राज्य सरकार के मंत्रियों और संगठन के प्रमुख पदाधिकारियों से मुलाकात की थी।
दरअसल, गुरुवार को दिल्ली पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री योगी दिल्ली के यूपी सदन पहुंचे। यहां कुछ देर बाद रुकने के बाद वह गृहमंत्री अमित शाह से मिलने निकल पड़े। मुख्यमंत्री योगी ने गृहमंत्री अमित शाह से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की। योगी की करीब डेढ़ घंटे अमित शाह से बैठक चली। वह आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलेंगे। अमित शाह से मुलाकात कर लौटने के बाद मुख्यमंत्री योगी से मिलने दिल्ली के यूपी सदन में जितिन प्रसाद और सत्यपाल सिंह पहुंचे। जितिन प्रसाद हाल ही में बीजेपी शामिल हुए हैं।
सूत्रों के मुताबिक तकरीबन डेढ़ तक तक चली शाह से मुलाकात के दौरान आदित्यनाथ ने राज्य में कोविड-19 की दूसरी लहर सहित अन्य राजनीतिक मुद्दों पर भी चर्चा की। जब शाह और आदित्यनाथ की मुलाकात चल रही थी उसी समय अपना दल की अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल भी शाह के आवास पर पहुंची। शाह ने ने ट्वीट कर आदित्यनाथ और पटेल से मुलाकात की जानकारी दी और तस्वीरें भी साझा की। उत्तर प्रदेश के ही निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय कुमार निषाद और संत कबीरनगर से सांसद प्रवीण निषाद ने भी शाह से मुलाकात की।
अमित शाह की पटेल और निषाद पार्टी के नेताओं से मुलाकात को आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सहयोगी दलों को साधने के भाजपा के प्रयास के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। पटेल प्रधानमंत्री मोदी के पहले कार्यकाल में केंद्र सरकार में मंत्री थी लेकिन दूसरी बार जब वह प्रधानमंत्री बनें तो उन्होंने अपना दल की नेता को अपने मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी।
उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाला है। चुनाव से पहले बीजेपी के अंदरखाने खींचतान की खबरें सामने आई थी। इस खींचतान की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे करीबी एके शर्मा को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने को लेकर बताई जा रही थी। इस खींचतान को लेकर बीजेपी और आरएसएस के के नेताओं ने लखनऊ में मंथन भी किया था। कुछ लोगों का कहना था कि एके शर्मा को लेकर दिल्ली दरबार और यूपी दरबार के बीच सामंजस्य भी नहीं बैठ पा रहा था। लखनऊ में बीजेपी और आरएसएस नेताओं की बैठक के बाद दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी की एक बड़ी बैठक हुई थी। इस बैठक के बाद कई तरह की बातें सामने आ रही थी।