<p id="content">यूपी में भू-माफियाओं पर नकेल कसने के लिए <strong>धरा ऐप</strong> तैयार किया गया है। इस सॉफ्टवेयर में ग्राम समाज सहित सभी सरकारी जमीनों, तालाब, खेत-खलिहान और चारागाहों का ब्यौरा दर्ज होगा, जिसके चलते कोई भू-माफिया किसी सरकारी जमीन को ना तो बेच सकेगा और ना ही उस पर कब्जा कर सकेगा। इसे भू-माफिया विरोधी सॉफ्टवेयर बताया जा रहा है। बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राज्य में माफियाओं-अपराधियों से मुक्त कराई गई जमीन पर जिलों में उद्योग-धंधे लगाने की योजना तैयार की जा रही है। जिसके तहत प्रदेश सरकार ने हर जिले में एक लैंड बैंक बनाकर जमीन और संपत्तियों की <strong>जियो टैंगिंग</strong> करने की तैयारी शुरू की है।</p>
मिली जानकारी के अनुसार, <a href="https://hindi.indianarrative.com/india/ups-new-identity-health-tourism-destination-cm-yogi-has-prepared-22954.html" target="_blank" rel="noopener noreferrer">ऐप को मकर संक्रांति</a> के दिन मुजफ्फरनगर की डीएम सेल्वा कुमारी जयराजन आधिकारिक रूप से लॉन्च करेंगी। उनका दावा है कि साफ्टवेयर के चलते मुजफ्फरनगर में कोई भू-माफिया किसी सरकारी जमीन, तालाब और चारागाह पर कब्जा नहीं कर सकेगा। जिन सरकारी जमीनों पर भू-माफिया ने कब्जा किया है, उन्हें भी खाली कराने में यह सॉफ्टवेयर बहुत उपयोगी साबित होगा। आपको बता दें कि मुजफ्फरनगर की जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जयराजन ने ही धरा भू-माफिया विरोधी सॉफ्टवेयर तैयार कराया है।
सेल्वा कुमारी जयराजन के अनुसार, <strong>धरा ऐप</strong> भू-माफिया विरोधी सॉफ्टवेयर जीआईएस बेस पर आधारित है। इसमें गूगल मैपिंग के जरिये ग्राम समाज भूमि, तालाब, चारागाह आदि का ब्यौरा दिखेगा। इस ऐप में जानकारी होगी- जिले में कितनी सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हुआ है और कितनी जमीन अतिक्रमण मुक्त है। किस-किस सरकारी जमीन पर कोर्ट में सुनवाई हो रही है और कितनी सरकारी जमीन को लीज पर दिया गया है इसका भी उल्लेख होगा। विकास प्राधिकरणों का मास्टर प्लान भी सॉफ्टवेयर के जरिये देखा जा सकेगा।
प्राधिकरण के अधीन कुल कितनी ग्रीन बेल्ट हैं इस साफ्टवेयर के जरिये यह भी पता चलेगा। साथ ही कौन सी जमीन पर निर्माण हो सकेगा और किसी जमीन पर नहीं इसकी जानकारी भी उपलब्ध होगी। इससे कोई भू-माफिया ग्रीन बेल्ट की जमीन को गलत तरीके से ना तो बेच सकेगा और ना ही उसपर कब्जा कर सकेगा।
जयराजन का कहना है कि गांव में भी ग्राम समाज की भूमि पर कब्जा करने वालों के खिलाफ इस सॉफ्टवेयर के चलते कार्रवाई करने में प्रशासन को आसानी होगी। इसके चलते जिले में जमीनी विवाद और अतिक्रमण की समस्या का स्थायी समाधान किया जा सकेगा। ग्राम समाज की जमीन का समूचा ब्यौरा गूगल मैप के जरिये इस सॉफ्टवेयर में दर्ज होने के चलते यह संभव होगा। ऐसे में जब भी ग्राम समाज की जमीन को कोई भू-माफिया बेचने का प्रयास करेगा तो वह प्रकरण राजस्व विभाग के संज्ञान में आ जाएगा और राजस्व विभाग के अफसर भू-माफिया के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करेंगे।.