ऐसा फिल्मों में कई बार देखने को मिला है कि किसी विभाग में छोटे से पद पर काम करने वाला कर्मचारी उसी विभाग में अफसर बन गया। ऐसा ही कुछ हुआ है दिल्ली पुलिस के कॉन्स्टेबल फिरोज आलम (Feroz alam) के साथ। उन्होंने फिल्मी परदों पर निभाए गए इन किरदारों को असल जिंदगी में कर दिखाया है। 10 साल तक वो दिल्ली पुलिस में कॉन्स्टेबल के पद पर काम करते रहे और अब वो यहीं पर ACP बने हैं।
फिरोज आलम अब तमाम यूपीएससी की तैयारी करने वालों के लिए आदर्श बन गए हैं। दिल्ली पुलिस में कॉन्स्टेबल रहे फिरोज ने UPSC की परीक्षा पास की और अब वे दिल्ली पुलिस में ही ACP यानी असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ़ पुलिस बन गए हैं। फिरोज ने नौकरी के साथ-साथ पूरे 10 साल तक यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की थी। बीते साल उन्होंने ये परीक्षा पास कर ली और उन्हें अपना पसंदीदा दानिप्स काडर भी मिल गया। अब वे दिल्ली पुलिस में ही एसीपी के पद पर काम करने वाले हैं। फिलहाल फिरोज की ट्रेनिंग चल रही है और अगले साल से वे जिम्मेदारी संभालते भी नज़र आएंगे।
(अगस्त 2020 में इंडिया नैरेटिव के ऑफिस में फिरोज आलम का इंटरव्यू)
यूपी के हापुड़ (छोटे से गांव आजमपुर दहपा) के रहने वाले फिरोज फिलहाल वे पूर्वी दिल्ली के पांडव नगर थाने में तैनात थे। उनकी 1 अप्रैल से ट्रेनिंग शुरू हो गई है और ये अगले साल मार्च तक जारी रहेगी। यूपीएससी के लिए उनकी पहली पसंद IAS ही थी लेकिन रैंक के आधार पर उन्होंने दानिप्स काडर में ही रहना चाहेंगे। फिलहाल दानिप्स काडर में एसीपी की रैंक पर उनकी नियुक्ति पक्की हो गयी है।
फिरोज का मानना है कि यह उनके लिए किसी सपने के सच हो जाने जैसा है। अपने एक इंटरव्यू दे दौरान उनहोंने कहा कि, मैं 10-11 साल से दिल्ली पुलिस में काम कर रहा था और इसीलिए मैंने दानिप्स सर्विसेज को भी अपनी प्राथमिकताओं में शामिल किया था। फिरोज के मुताबिक वे दिल्ली पुलिस के वर्क कल्चर को अच्छे से समझते हैं इसलिए उन्हें यहां कम करने में न सिर्फ आसानी होगी बल्कि सुधार भी बेहतर तरीके से कर पाएंगे। फिरोज ने बताया कि वे इंस्पेक्टर (इन्वेस्टिगेशन) मनीष कुमार यादव को अपना आदर्श मानते हैं। वे मनीष की कार्यशैली, उनके नॉलेज का स्तर, उनका पॉजिटिव एप्रोच, हर केस की बारीकियों को परखने की उनकी नजर और व्यवहारिक नजरिया बहुत पसंद है।