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Uttarakhand Disaster: तपोवन टनल में जारी है ‘जिंदगी की खोज’

उत्तराखंड आपदा, टनल में बचाव कार्य जारी। फोटो-आईएएनएस

उत्तराखंड में जल-प्रलय (Uttarakhand Disaster) के बाद जिंदगी की खोज जारी है। कई लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं, लेकिन अब भी कई 'लापता' लोगों की तलाश अब भी जारी है (Uttarakhand Rescue Operation)। शनिवार को बचाव दल चमोली (Chamoli) जिले के आपदा प्रभावित तपोवन परियोजना क्षेत्र में फंसे 25 से 35 लोगों को बचाने के लिए एक सुरंग (Tapovan Tunnel Drilling) की छेद को चौड़ा करने में व्यस्त थे।

वरिष्ठ सरकारी व पुलिस अधिकारियों ने कहा कि बचाव कार्य सातवें दिन भी जारी है, लेकिन अभी तक कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है। एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा कि हमने एक छेद किया है। लेकिन, हम यह नहीं कह सकते कि यह एक बड़ी सफलता है जब तक कि हम कुछ ठोस नहीं पाते।

अधिकारियों ने दावा किया कि खुदाई करने वाली मशीनों की सहायता से बचाव कार्य में तेजी लाई गई है। फिलहाल बचावकर्मी दो रणनीतियों पर काम कर रहे हैं – एक छेद को लंबवत रूप से ड्रिल करना और सुरंग के अंदर मलबे और कीचड़ को हटाना। शुक्रवार को दो और शव बरामद किए गए। इसके साथ ही मरने वालों की संख्या 38 हो गई है। रविवार की सुबह जल प्रलय के बाद लगभग 200 लोग लापता हो गए थे।

एसडीआरएफ के कमांडेंट नवनीत भुल्लर ने कहा कि सुरंग के अंदर बचाव का काम जोरों पर है। लेकिन अभी भी अंदर फंसे लोगों से कोई संपर्क नहीं है। दो दिन पहले बचाव कर्मियों ने सुरंग को लंबवत रूप से ड्रिल करना शुरू कर दिया था। लेकिन कई घंटों के बाद तकनीकी कारणों से ड्रिलिंग कार्य रुक-रुक कर होता रहा। बचावकर्मियों ने कल रात एक और प्रयास किया और सुरंग में एक छोटा सा छेद बनाया।

जब से सुरंग के भीतर खुदाई का काम शुरू हुआ है, तब से बचावकर्मी अवरुद्ध सुरंग को खोलने के लिए हर रणनीति पर काम कर रहे हैं। कई दिनों की खुदाई के बाद बचाव कार्य में लगे सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान सुरंग का एक बड़ा हिस्सा खोलने में सफल रहे। लेकिन सुरंग के भीतर भारी गाद और कीचड़ के कारण खुदाई का काम धीमा हो गया।