चीन के साइबर लुटेरों ने यूपी के साइबर सिटी नोएडा में सेंध लगा दी है। इस सेंधमारी में नोएडा में बैठे कुछ लोगों का भी हाथ है। नोएडा के ही कुछ लोगों के संबंध चीन में बैठे साइबर हैकरों से हैं। ये लोग भारत 15 दिन में पैसे दो गुने करने का लालच देकर विभिन्न फर्जी एप पर लोगों से पैसे लेते थे। फिर उन्हें क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर चीन भेज देते थे। नोएडा में हो रहे इस गोरखधंधे का पर्दाफाश उत्तराखण्ड पुलिस ने किया है।
फर्जी एकाउंट और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए नोएडा का ये गैंग कई सौ करोड़ रुपया चीन भेज चुका है। उत्तराखंड एसटीएफ ने इस सिलसिले में नोएडा से मुख्य सरगना पवन कुमार पांडेय को गिरफ्तार किया है। उसके पास से 19लैपटॉप, 592सिम कार्ड, 5मोबाइल फोन, 4एटीएम और 1पासपोर्ट बरामद हुए हैं।
हरिद्वार में साइबर क्राइम पुलिस को शिकायत मिली थी कि उसके दोस्त ने बताया कि पावर बैंक ऐप से पैसे निवेश करने पर 15दिन में पैसे दोगुने हो रहे हैं। उसने भी ऐप पर 91,200और 73,000हजार रुपये जमा कराए। अब पैसा जमा कराने वालों का कुछ पता नहीं चल रहा है। ये पैसे RAZORPAY और PAYU मोबाइल एप के जरिए जमा कराए गए थे। लेकिन बाद में पता चला कि ये से पैसा अलग-अलग वॉलेट से चीन बैंक खातों में अवैध रूप से भेजे जा रहे थे।
इसके बाद ये पैसे क्रिप्टो करंसी के जरिए शेल कंपनियों के अकाउंट में ट्रांसफर किए जाते थे। ये कंपनियां और अकाउंट भी फर्जी तरीके से बनाए गए थे। बताया जा रहा है कि चीन में बैठे इस प्लान के मास्टरमाइंड अपने लिए ठगी का धंधा चलाने वालों को टेलिग्राम और यूट्यूब से तलाशते थे। अब तक पकड़े इस गैंग ने 250 करोड़ रुपये चीन भेजे थे।
क्रिप्टो करेंसी एक तरह की डिजिटल मुद्रा होती है जिसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं होता है और आमतौर पर इसे कानूनी मान्यता भी नहीं मिली होती है। लेकिन लोग अवैध तरीके से लेन-देन में इसका इस्तेमाल करते हैं। इस तरह की करेंसी को बेहद जटिल कोड से तैयार किया जाता है और इसे बनाने की प्रक्रिया काफी जटिल होती है। इसे कोई सरकार या विनियामक अथॉरिटी नहीं जारी करती है।