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अचानक कई राज्यों में बंद क्यों हो गए वैक्सीन सेंटर्स? मची अफरा-तफरी, ऐसे कैसे टलेगी कोरोना की तीसरी लहर

corona vaccine

कोरोना के खिलाफ जंग में वैक्सीन प्रमुख हथियार है। अगर कोरोना को हराना है को टीका लगाना जरुरी है। केंद्र सरकार 16 जनवरी से ही टीकाकरण का अभियान चला रही है। लेकिन अब इस अभियान में समस्या पैदा हो गया है। दरअसल कई राज्यों में कोरोना की वैक्सीन की कमी से टीकाकरण सेंटर्स बंद करने पड़े हैं। राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में टीकाकरण अभियान रोकने की खबरें आ रही हैं। ऐसे में गंभीर सवाल यह उठता है कि क्या कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका टल पाएगी?

राजस्थान की राजधानी जयपुर में सोमवार के बाद मंगलवार को भी टीकाकरण केंद्र नहीं खुल पाए। प्रदेश के कई अन्य जिलों का भी यही हाल है। ध्यान रहे कि राजस्थान टीकाकरण अभियान को गति देने वाले टॉप राज्यों में शुमार रहा है। वहां हर दिन 15 लाख वैक्सीन डोज देने की व्यवस्था है। हालांकि, मंगलवार को उसे सिर्फ 60 हजार डोज ही उपलब्ध कराई गई। उधर, झारखंड में भी टीकाकरण अभियान पर अचानक ही ब्रेक लग गया। राजधानी रांची के ज्यादातर टीकाकरण केंद्रों के पास मंगलवार को कोविशील्ड या कोवैक्सीन में कोई भी टीका नहीं बचा था। राज्य के ज्यादातर जिलों में भी टीका उपलब्ध नहीं है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि बुधवार से पूरे प्रदेश में टीकाकरण अभियान रुक जाएगा। झारखंड में सोमवार शाम तक सिर्फ 82 हजार वैक्सीन डोज उपलब्ध थी। केंद्र सरकार की तरफ से भेजी गई अगली खेप 2 जुलाई को मिलने वाली है। प्रदेश को जुलाई महीने के लिए 24 लाख वैक्सीन डोज आवंटित किया गया है। इसके तहत, उसे 1 से 15 जुलाई के बीच 9 लाख डोज मिलेंगी। राज्य में हर दिन 1 लाख से कुछ ज्यादा डोज ही लग पा रही है।

कर्नाटक में भी वैक्सीन का संकट

कर्नाटक में भी टीके का पर्याप्त भंडार नहीं होने के कारण अक्टूबर तक 80% व्यस्क आबादी को वैक्सीन लगा देने का लक्ष्य बहुत कठिन दिखने लगा है। राज्य सरकार ने तीसरी लहर की आशंका खत्म करने के लिए यह लक्ष्य रखा था। कर्नाटक ने 21 जून को 11.6 लाख डोज वैक्सीन लगाकर रिकॉर्ड बनाया थ। बेंगलुरु में उस दिन बीबीएमपी ने 1.74 लाख डोज लगाई थी जिनमें 1.64 लाख लोगों को पहली डोज दी गई थी। हालांकि, अगले ही दिन इसमें भारी गिरावट आई और 22 जून को पूरे कर्नाटक में सिर्फ 3.95 लाख जबकि बेंगलुरु में सिर्फ 43,901 डोज दी जा सकी।

बता दें कि दुनिया भर के एक्सपर्ट कोरोना की तीसरी लहर आने की बात कह चुके हैं। अक्टूबर के बीच कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका जता रहे हैं। उनका कहना है कि अगर लोगों का कोविड के प्रति लापरवाही बरकरार रही और टीकाकरण अभियान जोर नहीं पकड़ सका तो तीसरी लहर आनी तय है। एक्सपर्ट का कहना है कि तीसरी लहर में बच्चे ज्यादा संक्रमित हो सकते हैं। ऐसे में वैक्सीन की कमी बड़ी संकट की ओर इशारा कर रही है।