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गरीबों को प्राइवेट अस्पतालों में लगेगी फ्री वैक्सीन, बांटे जाएंगे ई-वाउचर्स, केंद्र ने जारी की नई वैक्सीनेशन गाइडलाइंस

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  (Narendra Modi) ने 7 जून को देश में संशोधित वैक्सीनेशन पॉलिसी का ऐलान किया। राष्ट्र के नाम दिए गए एक संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि राज्य सरकारों को अब 18-44 वर्ष के लिए भी टीकों का इंतजाम केंद्र करेगा और यह मुफ्त होगा। 21 जून से 18 साल से ज्यादा उम्र वालों को भी फ्री वैक्सीन का फायदा मिलेगा। प्रधानमंत्री की इस घोषणा के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीनेशन पॉलिसी को लेकर नई गाइडलाइंस (Vaccination Policy New Guidelines) जारी कर दी है, जो 21 जून से लागू होगीं।

नई गाइडलाइंस में कोरोना टीकों के आवंटन से लेकर कई चीजों को स्पष्ट किया गया है। नई गाइडलाइंस के मुताबिक, राज्यों को उनकी आबादी, कोरोना संक्रमण के प्रसार और वैक्सीनेशन की गति के हिसाब से टीके आवंटित किए जाएंगे। इसके अलावा ये भी कहा गया है कि टीकों की बर्बादी अगर होती है तो वैक्सीन के आवंटन में उसका पड़ सकता है। निजी अस्पतालों में लगने वाले कोरोना टीकों के दाम कंपनियों की ओर से तय किए जाएंगे। इसके अलावा राज्यों को छूट दी गई है कि 18 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों के टीकाकरण के प्रायॉरिटी ग्रुप वे अपने अनुसार तय कर सकते है।

नई गाइडलाइंस के तहत केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को दिए जाने वाले टीकों की एडवांस में जानकारी दी जाएगी। इसके बाद राज्यों को जिला प्रशासन को यह जानकारी देनी होगी। यही नहीं, किस जिले के लिए कितने टीके आवंटित हुए हैं, इसका ब्योरा भी देना होगा। सरकार ने कहा है कि जिला प्रशासन को टीकों की उपलब्धता के बारे में आम लोगों तक जानकारी पहुंचानी होगी। केंद्र सरकार ने निजी अस्पतालों में टीकों की कीमत को लेकर भी निर्देश दिए है। निजी अस्पतालों में लगने वाले टीकों की कीमत मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों की ओर से तय की जाएगी।

इसके अलावा किसी भी तरह के बदलाव की स्थिति में अस्पतालों को पहले से जानकारी दी जाएगी। कोरोना वैक्सीन की एक डोज के लिए निजी अस्पतालों की ओर से टीके की तय कीमत के अलावा 150 रुपये तक ही सर्विस चार्ज की वसूली की जा सकेगी। निजी अस्पतालों में वैक्सीन के लिए सही कीमत ली जा रही है या फिर नहीं। इसकी निगरानी का काम राज्य सरकारों को सौंपा गया है। गरीबों को प्राइवेट अस्पतालों में फ्री वैक्सीन लगवाने के लिए ई-वाउचर जारी किए जाएंगे। ये नॉन ट्रांसफेरेबल होंगे यानी वाउचर का इस्तेमाल सिर्फ वही व्यक्ति कर सकेगा जिसके नाम पर यह इश्यू किया जाएगा।