कानपुर में हुए विकास दुबे और उसके पांच साथियों के एनकाउंटर मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस को क्लीन चीट मिल गई है। न्यायमूर्ति बीएस चौहान जांच आयोग को इस मामले में पुलिस के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। विकास दुबे और उसके साथियों ने 3 जुलाई 2020 को बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने का आरोप लगा था। जिसमें एक सीओ भी मारे गए थे।
विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित रिटायर्ड जस्टिस बीएस चौहान कमेटी ने कई पुलिसकर्मियों से पूछताछ की, लेकिन उनको एक भी पुख्ता सबूत नहीं मिले, जिससे यह साबित हो सके कि एनकाउंटर फर्जी था। साक्ष्यों के अभाव में विकास दुबे एनकाउंटर मामले में यूपी पुलिस को क्लीन चिट दे दी। रिटायर्ड जस्टिस बीएस चौहान कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यूपी पुलिस के खिलाफ कोई सबूत नही मिले हैं।
बताते चलें कि विकास दुबे एनकाउंटर केस की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तीन सदस्यीय कमेटी की गठित की थी। कमेटी में उत्तर प्रदेश सरकार के प्रस्तावित नामों को मंजूरी देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर जस्टिस बीएस चौहान की अगुवाई में पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता और हाईकोर्ट के पूर्व जज शशिकांत अग्रवाल की कमेटी बनाई थी।